भोपाल। एक बार फिर कोरोना महामारी महिसासुर की तरह सीना ताने खड़ा है. इससे बचने का सावधानी ही सबसे सटीक उपाय है, बस इसी सावधानी को सरकार बतौर नियम लागू करवा रही है. पर ये नियम आम के लिए आम और खास के लिए खास है. जिन नियम-कानून का पालन कराने के लिए उसकी पूरी गाइडलाइन (Public Forced to Follow Corona Guidelines) जारी की गई है, उसे सिर्फ आम आदमी पर ही क्यों थोपा जा रहा है, क्या कोरोना सिर्फ आम आदमी को ही संक्रमित करता है, ये नेताओं के पास नहीं जाता है. राजनीतिक कार्यक्रमों और रैलियों के नाम पर भीड़ जुटाने (Politicians Break corona Protocols in MP) में न सत्ता पक्ष पीछे है और न ही विपक्ष.
एमपी में हर घंटे 44 संक्रमित! एक दिन में मिले 1617 नए कोरोना मरीज, इंदौर में 584 इन्फेक्टेड
सियासी जमीन चमकाने में भूल जाते हैं संक्रमण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने के अलावा इस राज्य से उस राज्य का दौरा कर रहे हैं, चुनावी राज्यों में कई कार्यक्रमों में भी भाग ले चुके हैं. प्रधानमंत्री के दीर्घायु व यशस्वी जीवन के लिए महामृत्यंजय मंत्र का जाप किये. सीएम की मौजूदगी में आयोजित इन सभी कार्यक्रमों में खुलेआम कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ीं और शासन से प्रशासन तक किसी के भी कानों पर जूं तक नहीं रेंगा. गृह मंत्री मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने की बात करते हैं, सीएम सावधानी बरतने की अपील करते हैं और फिर ये सब भूलकर सियासी जमीन चमकाने में लग जाते हैं.
PM की दीर्घायु के लिए आवाम की जान से खिलवाड़
पंजाब में जाम में फंसे पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ा था, जिसे भुनाने के लिए मध्यप्रदेश बीजेपी भी आग में कूद गई. मुख्यमंत्री लाव लश्कर के साथ सैकड़ों की संख्या में गुफा मंदिर पहुंचे. औपचारिकता के रूप में बीजेपी नेताओं और पंडितों को मास्क पहना दिया गया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग हवा हवाई ही रही. कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी, पर सबने अपनी आंखों पर पट्टी लगा रखी थी. कोरोना संक्रमण से बेखबर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित बीजेपी विधायक और अन्य नेता सिर्फ मोदी के दीर्घायु की कामना कर रहे थे.