भोपाल। भारत अभिभावक संघ के आव्हान पर मध्य प्रदेश पालक महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर निजी स्कूलों के खिलाफ कोलार के बीमा कुंज में प्रदर्शन किया. इस दौरान पालकों ने ऑनलाइन पढ़ाई की फीस कम करने की मांग की. साथ ही अभिभावकों ने बाजार में पहुंचकर व्यापारियों से दुकानें बंद करने का निवेदन किया. जिस पर काफी लोगों ने अपना समर्थन देते हुए दुकानें बंद कर दीं. पालक महासंघ के नेतृत्व में 'नो स्कूल नो फीस' अभियान के तहत शहर के कई व्यापारी संगठनों ने भी समर्थन दिया. इस अभियान के तहत पालकों ने 3 सूत्रीय मांगे रखीं हैं.
'नो स्कूल नो फीस' अभियान के तहत किया विरोध प्रदर्शन, सीएम शिवराज से की ये मांग - भारत अभिभावक संघ
कोरोना संक्रमण के दौरान निजी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं, जिससे नाराज अभिभावकों ने भारत अभिभावक संघ के आव्हान पर 'नो स्कूल नो फीस' अभियान के तहत विरोध जाहिर किया और दुकानें बंद कर के प्रदर्शन किया गया. पढ़िए पूरी खबर..
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तीन मांगें
- नो स्कूल नो फीस
- निजी स्कूलों में कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई की फिस को स्थाई तौर पर निर्धारित किया जाए
- तीसरी शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण से मुक्ति के लिए फीस नियामक आयोग का गठन किया जाए
भारत अभिभावक संघ के आव्हान पर देशभर में हुए प्रदर्शन में 53 अभिभावक और 11 सामाजिक संगठनों ने भाग लिया. मध्य प्रदेश पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा का कहना है कि, कोरोना काल में आर्थिक परेशानियों के कारण कई अभिभावक फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं. इसके बावजूद शासन इस समस्या की अनदेखी कर रहा है, जिसके कारण शिक्षा आंदोलन करने की जरूरत पड़ गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा आंदोलन के पहले चरण की सफलता के बाद दूसरे चरण में दिल्ली में 11 अक्टूबर को आमरण अनशन भी शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह की विषम परिस्थितियों से इस समय देश और प्रदेश गुजर रहा है, उससे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं है. ऐसी विषम परिस्थितियों के दौरान अभिभावकों पर लगातार निजी स्कूल फीस जमा करने का दबाव बना रहा है. वहीं सरकार अब तक इसका कोई भी स्थाई हल नहीं खोज पाई है, उन्होंने मांग की है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान जल्द से जल्द इस मामले का स्थाई हल निर्धारित करें, ताकि निजी स्कूलों की मनमानी से लोगों को निजात मिले.