भोपाल। पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने केंद्र सरकार के उस दावे को धोखा बताया है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को 90 हजार करोड़ रुपए के पैकेज देने का ऐलान किया गया. पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपए के पैकेज देने का ऐलान किया गया है जो कि धोखा है.
केंद्र सरकार का 90 हजार करोड़ रुपए का पैकेज धोखा, घाटे में जा रही विद्युत वितरण कंपनी: प्रियव्रत सिंह
विद्युत वितरण कंपनी के लिए केंद्र सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया है, जिसे एमपी के पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने एक धोखा बताया और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
प्रियव्रत सिंह
इसके अलावा प्रियव्रत सिंह ने सवाल उठाया गया कि पैकेज की राशि निजी बिजली उत्पादन, घरों और केंद्रीय क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनी के बकाया को चुकाने के लिए दी जा रही है.
पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने मांगों के साथ दिए सुझाव
- पैकेज की राशि भी लोन पर दी जाएगी, जिसके चलते भारी नुकसान उठा रही विद्युत वितरण कंपनी को इस पैकेज से कुछ भी हासिल नहीं होगा.
- लॉकडाउन के चलते डिमांड कम होने से वितरण कंपनी पर फिक्स चार्ज का खर्चा बढ़ गया है, जिसके कारण कंपनी भारी घाटे में जा रही है.
- विद्युत वितरण कंपनी (केंद्र शासित प्रदेशों की) का निजीकरण किया जा रहा है, जबकि विद्युत वितरण कंपनी की कार्य क्षमता बढ़ाने हेतु उन्हें अतिरिक्त संसाधन प्रदान किए जाने की आवश्यकता है. क्रॉस सब्सिडी कम किए जाने से गरीब उपभोक्ताओं को महंगी बिजली लेनी पड़ेगी. विभिन्न शासकीय विभागों पर विद्युत विभाग की करोड़ों रुपयों की राशि बकाया है, जिसे तुरंत दिया जाना चाहिए.
- उपभोक्ताओं के घरों की मीटर रीडिंग नहीं ली जाकर मनमानी राशि के बिल जिए जा रहे हैं, जिसके कारण 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है.
- छोटे व्यवसाय करने वाले व्यवसायिक उपभोक्ताओं की दुकानें परिसर लॉकडाउन के कारण बंद है, उन्हें मिनिमम चार्ज से राहत दी जानी चाहिए.
- लघु और मध्यम उद्योग भी लाकडाउन के कारण बंद है, जिन्हें फिक्स चार्ज से राहत दी जानी चाहिए.
- विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों को लॉकडाउन के समय भी वसूली करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है, जिसके कारण दिहाड़ी से कमाने वाले उपभोक्ताओं पर वसूली करने हेतु उन्हें परेशान किया जा रहा है.
- अनुकंपा नियुक्ति हेतु नीति बनाई गई थी, जिसे लागू करने हेतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
- आउटसोर्स कर्मियों की समस्याओं के निराकरण हेतु समिति का गठन किया गया था, उस समिति की रिपोर्ट के प्रावधानों को लागू करने हेतु कदम उठाए जाने हैं.
- रखरखाव कार्य पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण विद्युत का व्यवधान बढ़ने लगा है.
- आउटसोर्स कर्मियों का 31 मार्च तक का जिन कंपनियों का टेंडर था, जो कि उक्त अवधि में समाप्त होने के बाद ना ही नए टेंडर लगाए गए. ऐसे में कोरोना वायरस के चलते कई कर्मचारी विगत 2 महीने से घर बैठे हैं. इन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2 महीने का मानदेय दिया जाए, ताकि इनके परिवार का सही रूप से जीवन यापन हो सके.