भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर से जेल प्रशासन की सासें फूली हुई हैं. प्रदेश की जेलों में पहले से ही क्षमता से ज्यादा कैदी रखे हैं. इसको देखते हुए जेल की चार दिवारी के अंदर कोरोना को पहुंचने से रोकने जेल प्रशासन कड़ी मशक्कत कर रहा है. प्रदेश की जेलों से सजायाफ्ता चार हजार 500 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है. अगले चरण में कुछ और कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाएगा, ताकि जेलों में कैदियों की संख्या को कम कर कोरोना से बचाव किया जा सके. माह के शुरुआत में भोपाल जेल में आधा दर्जन कैदियों के पाॅजिटिव निकलने के बाद जेल प्रशासन खासा सतर्क है.
जेल प्रशासन का बढ़ा तनाव
कोरोना के बढ़ते मामलों को चलते जेल प्रशासन का भी तनाव बढ़ गया है. प्रदेश भर की जेलों में पहले से ही निर्धारित संख्या से ज्यादा कैदी हैं. इसके चलते जेल प्रशासन के सामने कैदियों को कोरोना से बचाना बड़ी चुनौती बना हुआ है. जेलों में कोरोना न पहुंचे, इसके लिए पहले ही कैदियों से मुलाकात को बंद कर दिया गया है. डीआईजी जेल संजय पांडे प्रदेश की सभी जेलों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, ताकि यदि किसी भी बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो उसे इन आइसोलेशन वार्ड में रखा जा सके.
कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे ये इंतजाम
- जेल में आने वाले नए कैदियों को जेल में 15 दिन के लिए किया जा रहा आइसोलेट.
- कैदियों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के बाद ही भेजा जा रहा जेल.
- जेलों में बंद कैदियों को भी लगाया जा रहा कोरोना का टीका.
- भोपाल जेल में बंद एक हजार से ज्यादा कैदियों को लगा पहला टीका.
- जेल में कैदियों की इम्युनिटी को बनाए रखने के लिए उन्हें काढ़ा आदि भी दिया जा रहा है.