भोपाल।राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले मध्यप्रदेश प्रवास पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राजधानी भोपाल में महिला स्वा-सहायता समूह सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, "बेटियों में आगे बढ़ने का नैसर्गिंक गुण होता है. राष्ट्रपति बनने के बाद मैं जितनी भी यूनिवर्सिटी में पहुंची वहां बेटों से ज्यादा बेटियों ने मैडल जीते हैं, इसलिए हम बेटियों के अंतरनिहित गुणों को पहचानें और उन्हें आगे बढ़ने का मौका और सहयोग दें."
लगन मेहनत से करें काम, सफलता अपने आप मिलेगा:भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित स्वा सहायता समूह सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में जहां भी काम किए जाते हैं, उसमें सफलता के साथ संवेदना भी देखने को मिलती है, इसलिए महिलाओं को दूसरी सफल महिलाओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए. मैंने एक वार्ड काउंसलर के रूप में भी काम किया, मैंने नहीं सोचा था कि यह पद मिलेगा, इसलिए आप अपना काम पूरी लगन, मेहनत से करें सफलता अपने आप मिल जाएगी."
बेटियां पढ़ती हैं तो शिक्षित होता है परिवार: महिला स्वा-सहायता समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने कहा कि, "प्रदेश में कई महिलाओं ने बेहद उल्लेखनीय काम किए हैं, ऐसी सभी महिलाओं से प्रेरणा लेते हुए आप सभी आगे बढ़ने की कोशिश करें. आप अपने बारे में तो सोचें साथ ही समाज, प्रदेश और देश के बारे में भी विचार करके काम करें. अधिकांश महिलाएं स्वाभाव से ही कम से कम संसाधन में ज्यादा से ज्यादा काम करना जानती हैं, आधुनिक विकास में महिलाएं समाज और देश को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. बेटियों ने बताया है कि समान अवसर मिलने पर बेटियों ने बेटों से ज्यादा बेहतर काम करके दिखाया है, बेटियों को आगे बढ़ाएं उन्हें पढ़ाएं, क्योंकि बेटियां पढ़ती हैं तो सिर्फ एक व्यक्ति शिक्षित नहीं होता, बल्कि एक परिवार शिक्षित होता है. समाज और देश को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ पुरूष को पढ़ाने और बढ़ाने से काम नहीं चलेगा. एक महिला की सफलता से दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. ईश्वर में भी पहले माता का रूप देखा गया है, माता का स्थान पिता और शिक्षिक से पहले रखा गया है इसलिए मां सरस्वती को सबसे पहले नमन किया जाता है." इसी के साथ राष्ट्रपति ने प्रदेश में महिला स्वा सहायता समूह को आंदोलन का रूप दिया जाने पर प्रशंसा जताई.