भोपाल | आरक्षण और किसान आंदोलन के दौरान लगभग 45 हजार अज्ञात किसानों को आरोपी बनाकर प्रशासन ने केस दर्ज किए थे. प्रकरणों की वापसी के संबंध में गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में विचार-विमर्श बैठक आयोजित की गई. बैठक में किसान आंदोलन के समय अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज किए गए प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लिया गया.
अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज केस वापस लेगी एमपी सरकार, सीएम लेंगे आखिरी फैसला - Case filed against farmers
आरक्षण और किसान आंदोलन के समय दर्ज अज्ञात मुकदमों को मध्यप्रदेश सरकार वापस लेने की तैयारी कर रही है. गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एंव विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में प्रकरणों को वापस लेने का फैसला लिया गया है. मामवे पर 11 दिसंबर को फिर बैठक आयोजित की जाएगी.
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हालांकि गंभीर अपराधों के मामलों में परीक्षण करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा. कुछ किसानों के ऊपर धारा 307 सहित अन्य धाराओं में भी मामले दर्ज किए गए थे. कई मामलों में सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई है. अगर केस वापसी पर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो इस प्रक्रिया का लाभ मुकदमा दर्ज किसान नहीं ले पाएंगे. पीसी शर्मा ने कहा कि प्रक्रिया के तहत केस वापसी आवेदन करना जरूरी होता है जिसके बाद समिति विचार कर इन्हें आगे बढ़ाने की प्रक्रिया करती है.
लेकिन कुछ लोगों ने आवेदन नहीं दिए हैं. बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए किसानों के ऊपर झूठे मामले बनाए हैं. गृहमंत्री और विधि मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सभी किसानों के प्रकरण वापस लिए जाएंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ जल्द चर्चा की जाएगी. अगली बैठक 11 दिसंबर को रखी गई है.