भोपाल। नए केंद्रीय कृषि कानून (new central agriculture law) के आने से प्रदेश की कृषि उपज मंडियों की आय में विपरीत असर पड़ा है. इसके चलते बहुत से कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया, लेकिन अब सरकार अपने ही पुराने निर्णय को बदलने जा रही है. पूर्व में बंद किए गए 54 मंडी नाकों को फिर से शुरू किए जाने की तैयारी है. पिछले दिनों मंडी बोर्ड द्वारा मंडी नाकों को शुरू करने को लेकर एक प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव ऋषि के पास भेजा गया है.
एमपी में हैं 259 मुख्य मंडियां
बता दें कि प्रदेश भर में 259 मुख्य मंडियां हैं. इनके साथ ही 297 उप मंडिया (MP Mandi) संचालित हैं. इन सभी मंडियों की वार्षिक आय औसतन 12 सौ करोड़ रुपए होती है, लेकिन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के आने से डेढ़ साल में मंडियों की आय में अंतर आया है. नए कृषि कानून लागू होने से मंडियों के बाहर व्यापारियों को किसानों का उत्पाद खरीदने की छूट मिली थी. इससे मंडियों की आय प्रभावित हुई. बाद में कृषि कानून पर कोर्ट का स्टे लग गया.
मंडी शुल्क कम होने से आय प्रभावित
राज्य सरकार ने पहले मंडी शुल्क 2% किया था. फिर इसे डेढ़ रुपए. उसके बाद तीन माह के लिए 50 पैसे शुल्क कर दिया था. अब वापस यह 1.50 रुपए कर दिया गया है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के कारण मंडियों में आवक कम हुई, जिससे मंडियों की आय में लगातार कमी आई है. जानकारी के मुताबिक मंडियों की आय बढ़ाने के लिए बंद नाकों को शुरू करने से 15 से 25 फीसदी बढ़ने की संभावना रहेगी.