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उपचुनाव के बाद अब नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की बारी, मध्यप्रदेश में शुरू हुई तैयारी - मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग

मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन चुनाव के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कैलेंडर भी जारी किया गया है.

Madhya Pradesh Election Commission
मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग

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Published : Nov 17, 2020, 11:06 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव के बाद अब स्थानीय स्तर के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन चुनाव के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कैलेंडर भी जारी किया गया है. तमाम जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि, नवंबर माह के अंतिम सप्ताह और दिसंबर माह के पहले सप्ताह में स्थानीय चुनावों को लेकर प्रचार प्रसार के क्या काम किए जाना है. दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों को देखते हुए प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता

राज्य निर्वाचन आयोग ने की तैयारियां शुरू

वैसे तो राज्य निर्वाचन आयोग ने कमलनाथ सरकार के समय ही नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी. लेकिन प्रदेश में हुए राजनीतिक घटनाक्रम और कोरोना के कारण यह सारी प्रक्रिया लंबित हो गई थी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तमाम कलेक्टर्स को निर्देश देकर फिर से यह प्रक्रिया शुरू की गई है. कई नगरीय निकायों की आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हो गई है और कई जगह आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है.

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी

ये है लक्ष्य

मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव के प्रचार प्रसार हेतु कैलेंडर जारी कर दिया गया है. इसके तहत मतदान के प्रतिशत को बढ़ाना, मतदान का महत्व मतदाताओं को समझाना और मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे. महिला एवं युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा. जिन मतदान केंद्रों पर पिछले चुनाव में कम मतदान हुआ है, वहां विशेष रूप से मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा कोविड-19 के निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा.

ये हैं खास बातें

  • नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों में ईवीएम का प्रदर्शन एवं संचालन की जानकारी नवंबर 2020 के अंतिम सप्ताह से शुरू की जाएगी.
  • नगरीय निकाय एवं पंचायतों के शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में स्थानीय निर्वाचन विषय पर वाद-विवाद एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता कराई जाएगी. यह भी नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में संपन्न होगी.
  • इसी सप्ताह में पिछले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में कम मतदान वाले मतदान केंद्रों का आकलन कर मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके साथ ही नई बसाहट, दिव्यांग मतदाता, दूरस्थ एवं बिखरे हुए क्षेत्र के मतदाताओं को भी मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसी समय पर समस्त विकासखंड और नगरीय निकायों में स्थानीय निकाय निर्वाचन विषय पर युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जिला स्तर पर शासकीय विभाग और मीडिया एवं अन्य प्रचार माध्यमों की बैठक एवं दायित्व का निर्धारण किया जाएगा. मतदाता जागरूकता हेतु दलों का चयन किया जाएगा.

चलाया जाएगा जागरुकता अभियान

दिसंबर माह में प्रथम सप्ताह में समस्त नगरीय निकाय के वार्ड एवं ग्राम पंचायत में मतदान की प्रक्रिया की जानकारी देने एवं मतदान की अपील हेतु मतदाताओं से गृह संपर्क, संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर अभियान, कम मतदान प्रतिशत वाले ग्राम एवं वार्ड में नुक्कड़ नाटक, हाट बाजार एवं सार्वजनिक स्थलों पर मतदाता जागरूकता स्टाल लगाए जाएंगे. साथ ही मतदाता जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही मतदाताओं को ईवीएम निर्वाचन के महत्व की जानकारी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा मतदान की थीम पर मतदाता जागरूकता हेतु रंगोली, मेहंदी, लोक गीत, लोक नृत्य, भाषण,चित्रकला, स्लोगन, लेखन, साइकिल रैली आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में ही राजनीतिक दलों एवं जनप्रतिनिधियों का बैठकों का आयोजन कर आयोग द्वारा दिए गए नवाचार एवं नियम निर्देशों के संशोधन की जानकारी प्रदान की जाएगी. नगरीय निकाय एवं पंचायत स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं अनुसूचित व्यवसायिक बैंक की मतदाता जागरूकता में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी. कोविड-19 के अंतर्गत दिशा निर्देशों के पालन हेतु जागरूक किया जाएगा.

राजनीतिक दलों ने कसी कमर

हाल ही में 28 उपचुनाव की व्यस्तता से फ्री हुए राजनीतिक दलों ने आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के आधार पर नहीं होता है, लेकिन चुनाव के बाद जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में राजनीतिक दल पूरा जोर लगाते हैं. उपचुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस जहां नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारा जवाब देने की तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि हम चुनाव के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.

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