भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा की एक और विधानसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में से कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली है. 3 सीटों पर हार के बाद अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूती देने की तैयारी है. इसके लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ, छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस कमेटी का मॉडल पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी में हैं.
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दमोह उपचुनाव में मिली थी जीत
बता दें कि छिंदवाड़ा मॉडल को ही दमोह उपचुनाव में हूबहू लागू किया गया था. इसके चलते यहां कांग्रेस को जीत भी मिली, अब इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, जब कमलनाथ को पीसीसी चीफ बनाया गया था तब उन्होंने एआईसीसी के सामने यह मॉडल पेश किया था जिसे प्रदेश में लागू करने की सहमति बन गई थी लेकिन तब इसे पूरे प्रदेश में लागू नहीं किया जा सका. अब इस के नामों में बदलाव करके फिर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में लागू करने की योजना बना ली गई है.
छिंदवाड़ा मॉडल से मजबूत होगी कांग्रेस
नए फॉर्मूले के तहत जिला कांग्रेस कमेटी में जिला अध्यक्ष, पर्यवेक्षक ,ब्लॉक अध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष ,सेक्टर प्रभारी ,संयोजक होंगे. छिंदवाड़ा कांग्रेस संगठन में वर्तमान में 18 ब्लॉक अध्यक्ष हैं और 125 क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं, वही हमेशा यहां पन्ना प्रभारी भी सक्रिय भूमिका में होते हैं. छिंदवाड़ा की तरह प्रदेश भर में यह दायित्व दिया जाएगा ताकि संगठन मजबूत हो सके और कांग्रेस ग्राउंड स्तर पर लोगों से जुड़ सकें. रिस्ट्रक्चरिंग का काम फाइनल स्टेज पर है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह बताते हैं कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले में बहुत पहले से ही यह व्यवस्था लागू कर रखी थी. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में यह फार्मूला प्रायोगिक तौर पर लागू किया था और जिस में कांग्रेस को सफलता मिली थी. अब इस फार्मूले को और भी मॉडिफाई करके सेक्टर और मंडल के साइज को छोटा किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके. प्रदेश कांग्रेस, एआईसीसी और हाईकमान की बात को जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने के लिए संगठन की रिस्ट्रक्चरिंग का काम फाइनल स्टेज पर पहुंच चुका है.
क्या है छिंदवाड़ा कांग्रेस मॉडल
छिंदवाड़ा कांग्रेस मॉडल में बीते 25 सालों से छह भागों में जिला कांग्रेस को विभाजित कर बूथ स्तर तक जिम्मेदारी बांटी गई है. यहां जिला कांग्रेस अध्यक्ष, पर्यवेक्षक, ब्लॉक अध्यक्ष, 8 से 12 बूथ पर एक क्षेत्रीय अध्यक्ष, 2-3 बूथ पर एक समन्वयक, एक बूथ पर संयोजक बनाकर ग्राउंड स्तर पर कांग्रेस काम करती है, ताकि जनता से ज्यादा से ज्यादा पार्टी का जुड़ाव हो सके.