भोपाल। नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण की घटनाओं में कमी लाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस अब बच्चों को कानून का पाठ पढ़ाने की तैयारी कर रही है. कानून का यह पाठ कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के सिलेबस में शामिल कराने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय की महिला सेल द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही शासन को सौंपा जाएगा ताकि युवावस्था में कदम रख रहे बच्चों को कानून के बारे में बताया जा सके और वह समझ सकें कि उनकी किन नासमझी और शरारतों से वे कानूनी तौर पर किन मुश्किलों में पड़ सकते हैं.
पुलिस मुख्यालय ने बनाया प्लान :पुलिस अधिकारियों का मानना है कि लोगों में कानून की जानकारी और डर होना बहुत जरूरी है ताकि वे समझ सकें कि उनके किस कृत्य की कानूनन उन्हें क्या सजा मिल सकती है. बचपन में यह उन्हें समझ आ जाए तो बड़े होने पर भी वे ऐसा कोई गलत कदम उठाने से डरेंगे. इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा इसका प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है. इसमें बच्चों को आसान भाषा में कानून के बारे में कैसे बताया जा सकता है, साथ ही किस अपराध की कानून में क्या सजा निर्धारित है, इसके बारे में बताया जाएगा. इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा. पुलिस मुख्यालय कानून के इस पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल कराने की तैयारी कर रही है. महिला शाखा की एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के मुताबिक हमारा विचार है कि कानून के बारे में बच्चों को बताया जाए और इसे कक्षा 9 से सिलेबस में शामिल किया जाए, ताकि युवावस्था में कदम रख रहे बच्चे कानून की नजर से भी अच्छा-बुरा समझ सकें और वे नासमझी में कोई भी गलत कदम उठाने से पहले इसको भी ध्यान में रख सकें.