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पहली बार उपचुनाव में स्वास्थ्य विभाग रहेगा अलर्ट, 9 हजार मतदान केंद्रों में ऐसे होगा मतदान

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Published : Sep 29, 2020, 10:48 PM IST

28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. 9 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा.

by-election preparation
उपचुनाव

भोपाल।मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bye election) को लेकर निर्वाचन आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. 3 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को चुनाव परिणाम आएंगे. कोरोना काल में हो रहे उपचुनाव की खासियत ये है कि, इसमें सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.

उपचुनाव की तैयारी

उपचुनाव के लिए अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

दअरसल उपचुनाव में पहली बार ऐसा हुआ है, जब स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा जा रहा है. बड़ी संख्या में कोरोना से संबंधित उपकरण खरीदे जा रहे हैं, हर बूथ पर स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती की जा रही है. इसके अलावा मतदान के दौरान मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग और कोरोना पॉजिटिव मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की व्यवस्था की जा रही है.


28 सीटों के लिए 9 हजार मतदान केंद्र

प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मतदान के लिए 9 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें करीब एक लाख कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी. इसके अलावा 11 हजार EVMमतदान के लिए रखी जाएगी. इतनी ही संख्या में रिजर्व में EVMरखी जाएंगी. मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रहेगी, और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग (Thermal screening) के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा.

निर्वाचन आयोग की तैयारी
बताया जा रहा है कि, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश के उपचुनाव के लिए बड़ी संख्या में मास्क, PPE किट, ग्लब्स और सैनिटाइजर खरीदे जा रहे हैं. निर्वाचन आयोग का कहना है कि, चुनाव प्रक्रिया के लिए जितने महत्वपूर्ण सुरक्षाकर्मी होते हैं. उतना ही महत्वपूर्ण इस बार स्वास्थ्य विभाग होगा. इसलिए स्वास्थ्य विभाग को चुनाव के दौरान अलर्ट पर रखा जाएगा.

मतदान के समय में बढ़ोतरी
इतना ही नहीं कोरोना महामारी के चलते मतदान के समय में एक घंटे की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही मतदाताओं की संख्या कम कर दी गई है. पहले एक मतदान केंद्र पर करीब 1500 मतदाता मतदान करते थे. अब उपचुनाव में एक मतदान केंद्र पर महज एक हजार मतदाता ही अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. खास बात ये है कि, मतदान केंद्र में थर्मल स्क्रीनिंग में मतदाता का तापमान बढ़ा हुआ पाए जाने पर मतदाता को आखिरी घंटे में मतदान करने के लिए कहा जाएगा.

कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से इंतजाम
वहीं जो मरीज कोरोना से पीड़ित या संदिग्ध मरीज हैं या फिर जिन्हें क्वरंटाइन या आइसोलेट किया गया है, ऐसे मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. इन मतदाताओं के लिए मतदान के आखिरी घंटे में मतदान दल पहुंचेगा और वीडियोग्राफी के साथ पोस्टल बैलेट (Postal Ballet with Videography) के जरिए मतदान कराया जाएगा. इन सबके बीच भारत निर्वाचन आयोग उपचुनाव की लगभग पूरी तैयारी कर चुका है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. लिहाजा इस महामारी के बीच उपचुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.

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