भोपाल। मध्यप्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शंखनाद कर दिया है, दोनों दलों के क्षत्रप आमने-सामने हैं, एक तरफ सेनापति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं तो दूसरी तरफ खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मोर्चा संभाल रहे हैं, लेकिन दोनों ही सेनापति अपने भरोसेमंद मोहरों के नाम वाले पत्ते नहीं खोल रहे हैं, यही वजह है कि बस कयास ही लगाए जा रहे हैं कि कौन किस मैदान में किसके सामने होगा. वहीं बुधवार को ही बीजेपी ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी, जबकि कांग्रेस ने मुकेश नायक और राजकुमार पटेल को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है. कुल मिलाकर कांग्रेस ने बीजेपी के एक प्रभारी के जवाब में दो प्रभारी बनाया है. दिग्विजय सिंह ने तो अरुण यादव को ट्वीट कर बधाई भी दे दी है.
एमपी विधानसभा उपचुनाव के लिए मैदान में 'महारथी', बीजेपी के एक के बदले कांग्रेस ने बनाए दो प्रभारी!
खंडवा सीट पर सेंध लगाने की ताक में बीजेपी-कांग्रेस
प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी की तरफ से दिवंगत सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान के नाम की चर्चा है, जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद अरुण यादव को प्रबल दावेदार माना जा रहा है. वहींबुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और राजनारायण सिंह भी टिकट के लिए दौड़ लगा रहे हैं. ऐसे में अरुण यादव दिल्ली पहुंच चुके हैं, जहां वे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से मुलाकात करेंगे. 1962 से अब तक हुए 15 चुनाव में इस सीट पर 8 बार भाजपा तथा बीएलडी और 7 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. नंदकुमार और अरुण यादव के बीच तीन बार मुकाबला हुआ था, इनमें दो बार अरुण यादव को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि दिवंगत सांसद ने 6 बार खंडवा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया.
अपने सेनापति से मिलने दिल्ली पहुंचे अरुण यादव
पहले चर्चा थी कि अरुण यादव की उम्मीदवारी खटाई में पड़ सकती है, लेकिन जानकारों का कहना है कि खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव को दमदार उम्मीदवार माना जा रहा है, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि अरुण यादव को लेकर कोई असमंजस नहीं है, हो सकता है हाईकमान और कमलनाथ ने टिकट पर चर्चा को लेकर ही दिल्ली बुलाया हो, सही समय पर सभी कैंडिडेट डिक्लीयर कर दिये जाएंगे. सेनापति कमलनाथ ने उपचुनाव की तैयारी 3 महीने पहले ही शुरू कर दी थी. हालांकि, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी दावेदारी के लिए दम लगा रहे हैं, जबकि शेरा नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात कर चुके हैं.
टिकट के लिए भोपाल से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे दावेदार
वहीं प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों पर महामंथन जारी है, एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार भोपाल से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं, कुल मिलाकर उम्मीदवारों को चुनाव से पहले या जनता के बीच जाने से पहले दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं क्योंकि इस चुनाव से पहले उस चुनाव को जीतना जरूरी है. कांग्रेस के 2 सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय बताए जा रहे हैं, जबकि 2 अन्य सीटों पर छह से अधिक दावेदार मैदान में हैं. बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से रिक्त हुई खंडवा लोकसभा सीट जीतने का कांग्रेस इस बार कोई मौका नहीं चूकना चाहती है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से अरुण यादव चुनाव हार गए थे, अब उप चुनाव में कांग्रेस फिर से उन पर ही बाजी लगा सकती है.