Pradeep Mishra Katha: प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे CM, शिवराज ने शिव से मांगा खजाना, जानें कहां करेंगे उपयोग
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की चल रही कथा का आज समापन था. कथा के अंतिम दिन सीएम शिवराज पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान शिव का वर्णन कर खजाना भरे रहने की प्रार्थना की. (Pradeep Mishra katha in Bhopal)
प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे सीएम
By
Published : Jun 14, 2023, 9:03 PM IST
शिवराज ने शिव से मांगा खजाना
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भगवान भोलेनाथ से मध्यप्रदेश के लिए खजाना मांगा है. यह खजाना उन्होंने भोपाल के करोद स्थित मैदान में चल रही प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान मंच से मांगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे थे. पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन शिवराज ने अपनी हाजिरी दर्ज कराई. इस दौरान सीएम ने भगवान और परमात्मा की प्राप्ति को ही इंसान का अंतिम लक्ष्य बताया. (Pradeep Mishra katha in Bhopal)
प्रदीप मिश्रा
शिवराज ने किया शिव का वर्णन: शिवराज ने कथा के दौरान कहा की कथा में आकर अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही है. भक्तों का एक अपार समूह यहां देखने को मिल रहा है. पूरे देश को ही प्रदीप महाराज ने शिवमय कर दिया है. भक्ति रस की गंगा यहां चारों और बह रही है. जिसको सब ठुकरा देते हैं, उसको भगवान भोलेनाथ प्यार करते हैं. सीएम ने कहा कि समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न निकले थे. अमृत के लिए तो युद्ध तक होने की स्थिति आ गई थी, लेकिन हलाहल विष को पीने को कोई तैयार नहीं था. ऐसे में भगवान शिव ने हीं इसको पीकर पूरी सृष्टि को बचाया था. भगवान का श्रृंगार भी महंगा नहीं है, सिर्फ भस्म लगा दो तो वह प्रसन्न होते हैं. सांप उनके गले में श्रृंगार रूपी सजा रहता है और सबसे महत्वपूर्ण कि उन्हें प्रसन्न करने के लिए मात्र एक बेलपत्र ही चढ़ा दो तो काफी होती है. इसलिए है भोलेनाथ सब पर कृपा बनाए रखना. (Shivraj prayed to Lord Shiva)
नेता इमानदारी से करें काम: शिवराज ने यहां भगवान और परमात्मा की प्राप्ति को ही इंसान का अंतिम लक्ष्य बताया. शिवराज ने कहा कि भगवान तक पहुंचने के तीन मार्ग हैं ,जिसमें ज्ञान का मार्ग है जो पंडित प्रदीप महाराज जैसे संतों के माध्यम से मिलता है. दूसरा मार्ग भक्ति का है, जो इंसान अपनी-अपनी तरह से करता है और तीसरा मार्ग कर्म पर चलने का है. जैसे डॉक्टर कर्म के मार्ग पर चलते हुए लोगों को स्वस्थ करें. शिक्षक अच्छी शिक्षा देकर उनका उद्धार करें. कर्मचारी बेहतर काम कर अपने कर्म को निभाये. किसान अन्न पैदा कर अपना कर्म करें तो नेता इमानदारी से सेवा करें, यही उनका कर्म है.
प्रदीप मिश्रा की कथा में सीएम शिवराज
एमपी का भरा रहे खजाना: सीएम शिवराज ने इस दौरान भगवान भोलेनाथ से मध्यप्रदेश पर भी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की. मुख्यमंत्री ने कहा कि भोलेनाथ आप मध्यप्रदेश पर ऐसी कृपा बनाए कि मध्यप्रदेश का खजाना भरा रहे और हम तमाम योजनाओं और विकास के लिए इस खजाने का उपयोग भी करें. हमने बहनों के लिए लाडली बहना योजना शुरू की है, जिसमें उन्हें जो पैसा दिया जा रहा है, वह आगे और बढ़ाया जाएगा.(Lord Shiva to fill treasury)
सीएम ने कथा में दिलाए संकल्प: इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने यहां तमाम श्रद्धालुओं को पांच संकल्प भी दिलाए. जिसमें बेटी बचाने के साथ ही पेड़ लगाना, नशे से दूर रहना, गौ सेवा करना और पानी बचाने का संकल्प दिलाया. शिवराज ने कहा कि कोख को कत्लखाना नहीं बनाना है. बेटा-बेटी में भेद नहीं रखना है. हमने अहाते बंद किए हैं, हुक्का बार आदि पर भी कड़ी कार्रवाई हैं हुई है. हमें निर्णय लिया कि प्रदेश की बहन-बेटी पर अगर कोई गलत नजर डालेगा तो उसे फांसी के फंदे पर भी चढ़ा देंगे.
प्रदीप मिश्रा ने किया शिव का वर्णन: पांच दिवसीय इस कथा के समापन पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव के कई रूपों का वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर लोगों को कहा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ एक कलश जल ही काफी होता है. सबको यह संकल्प लेना है की वह तो मंदिर जाएंगे ही. साथ में अपने परिवार और बच्चों को भी मंदिर जरूर लेकर जाएंगे, क्योंकि हमें आने वाली पीढ़ी का अगर सही तरह से मार्गदर्शन और उद्धार करना है तो अभी से ही उसे संस्कार देने की जरूरत है.
भक्ति जब फलित होती है तो वो एक का नहीं बल्कि अनेक का कल्याण करती है.
गलत कार्यों में संलग्न रहने वाला देवराज ब्राह्मण इसलिए कैलाशवासी शिव के पास पहुंचा, क्योंकि उसकी मां भगवान शिव की भक्ति किया करती थी, इसलिए माताएं भी विशेष रूप से शिवभक्ति करें.
जीवन में जब विपत्तियां आएं, उपद्रव घेरें तब किसी के पास नहीं बल्कि अपने आस-पड़ोस के शिव मंदिर जाएं.
सात ताले में भी बंद हो जाओगे तो भी मौत को नहीं रोक पाओगे.
धरती पर ऐसा कोई धनपति नहीं है जो अपने बीते हुए समय को खरीद सके.
शरीर की चोट मलहम से और मन की चोट में शिवमहापुराण कथा से मिटती है.
राक्षसों की सिद्धी कुछ ही समय टिकती है, लेकिन देवताओं की सिद्धी भले थोड़ी सी हो लंबे समय तक साथ रहती है.
चेहरे की चमक क्रीम से नहीं अच्छे कर्म से बनती है.
लाखों की संख्या में श्रद्धालु: प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रदेश के कोने-कोने और देश भर से आए हुए थे. भोपाल के करोद स्थित पीपल्स मॉल के पीछे चल रही इस कथा के अंतिम दिन बुधवार को श्रद्धालुओं की अपार भीड़ भी देखने को मिली. ग्राउंड में कोने-कोने तक श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. जबकि कथा खत्म होने के बाद सड़क पर जाम की स्थिति भी कुछ देर के लिए निर्मित हो गई. इस दौरान मानो ऐसा लग रहा था, जैसे भक्ति का जनसैलाब सड़क पर उतर आया है.