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ईटीवी भारत से प्रभुराम चौधरी की खास बातचीत, कहा- क्षेत्र में विकास की कोई कसर नहीं छोडूंगा

सांची विधानसभा से रिकॉर्ड मतों से जीत हांसिल करने वाले बीजेपी प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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Published : Nov 11, 2020, 4:40 PM IST

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ईटीवी भारत से प्रभुराम चौधरी की खास बातचीत

भोपाल।उपचुनाव में बीजेपी ने धमाकेदार जीत हासिल की है. बीजेपी के 28 में से 19 प्रत्याशी चुनाव जीते हैं. इनमें सांची से बीजेपी प्रत्याशी रहे प्रभुराम चौधरी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है. उन्होंने करीब 64 हजार मतों से अपने प्रतिद्वंदी मदनलाल चौधरी को करारी शिकस्त दी है. एमपी उपचुनाव 2020 में किसी भी उम्मीदार के लिए सबसे बड़ी जीत है. प्रभुराम चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान इस जीत का श्रेय क्षेत्र की जनता को दिया और उन पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद दिया.

ईटीवी भारत से प्रभुराम चौधरी की खास बातचीत

नहीं चला बिकाऊ-टिकाऊ का मुद्दा

ऐतिहासिक जीत के बाद प्रभुराम चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि जनता उन्हें आशीर्वाद देगी और रिजल्ट में ये साफ दिख रहा है. टिकाऊ-बिकाऊ का कोई मुद्दा नहीं चला है. जनता ने साफ कर दिया है कि कौन गद्दार है, कौन ईमानदार. उन्होंने कहा कि वे अपने क्षेत्र में विकास की कोई कमी नहीं होने देंगे. सड़क, पानी से लेकर तमाम जो काम बचे हैं उसे ताकत लगाकर पूरा करेंगे.

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शेजवार परिवार के विरोध पर चुप्पी

चुनाव के दरमियान पूर्व विधायक गौरीशंकर शेजवार के प्रचार नहीं करने वाले सवाल पर प्रभुराम चौधरी ने चुप्पी साध ली. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि इस मसले पर उनको कुछ नहीं कहना है. पार्टी संगठन इस पर फैसला लेगा. गौरतलब है कि चुनाव में शेजवार परिवार ने चौधरी का प्रचार नहीं किया और आरोप यहां तक लगे थे कि शेजवार परिवार ने कांग्रेस के उम्मीदवार की मदद की है. इसको लेकर पार्टी की तरफ से नोटिस भी जारी किया गया था.

प्रभुराम चौधरी की जीतने की मुख्य वजह

  • मध्यप्रदेश उपचुनाव की घोषणा के ठीक पहले यहां ताबड़तोड़ 400 करोड़ की लागत से विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया. जिसमें सड़कें, स्कूल, कॉलेज बनवाने जैसे कार्य शामिल हैं. इस विकास कार्य के शिलान्यास की वजह से जनता ने प्रभुराम चौधरी के पक्ष में एक तरफा वोटिंग की.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों के अलावा महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बीजेपी को वोट दिया. बातचीत में लोग यहां तक कहते थे कि हम प्रत्याशी को नहीं, बल्कि शिवराज-मोदी को वोट कर रहे हैं.
  • हाई प्रोफाइल सीट होने के चलते बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का खास ध्यान रहा. 9 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, 4 बार ज्योतिरादित्य सिंधिया और 3 बार उमा भारती ने यहां दौरा किया. इससे भी लोग भाजपा प्रत्याशी से जुड़ते चले गए.

कांग्रेस प्रत्याशी की हार के कारण

  • प्रत्याशी की पूरी विधानसभा क्षेत्र में पहचान न होना. जबकि प्रभुराम चौधरी कैबिनेट में मंत्री थे और जाना पहचाना नाम था.
  • दलित समाज का वोट बैंक 40 हजार है. मदनलाल चौधरी दलित वोटर्स का विश्वास जीतने में सफल नहीं हो पाए.
  • ऐसा भी माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी मदनलाल चौधरी विधानसभा के सभी क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाए, जिस कारण मतदाताओं से सीधा संपर्क नहीं हो पाया.

2018 में बीजेपी प्रत्याशी को दी थी शिकस्त

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रभुराम चौधरी कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े थे और बीजेपी के मुदित शेजवार को पटखनी दी थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के साथ वे विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. लिहाजा उन्हें बीजेपी ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की है.

बीजेपी के तीन मंत्री हारे

कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में आए और मंत्री बनाए गए 12 उम्मीदवारों में से 9 अपनी साख बचाने में कामयाब रहे, तो वहीं तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. जिनमें डबरा से मंत्री इमरती देवी, दिमनी से मंत्री गिर्राज दंडोतिया और सुमावली से मंत्री ऐदल सिंह कंषाना को हार का सामना करना पड़ा.

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