मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

भोपाल: गर्मी के सीजन में भी कुम्हारों को नहीं मिल रहे हैं मटकों के सही दाम - नुकसान

गर्मी में नई तकनीक आने से कुम्हार वर्ग को हो रहा भारी नुकसान. कुम्हारों का कहना है कि शहर में मिट्टी न होने से हमें बाहर से मटके लाना पड़ता है और बिक्री के बाद मुश्किल से हमें 10-5 रुपये ही मिल पाते हैं.

कुम्हारों को नहीं मिल रहे हैं मटकों के सही दाम

By

Published : Mar 30, 2019, 8:57 PM IST

भोपाल| गर्मी में ठंडे पानी के लिए मटकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है, पर तकनीक आने से धीरे-धीरे घरों में इन मटकों का चलन कम होता जा रहा है. लेकिन आज भी कुम्हारों की आजीविका का मुख्य साधन मिट्टी के बर्तन ही हैं. लेकिन तकनीक के इस दौर में पूरे कुम्हार वर्ग को इस व्यापार से नुकसान हो रहा है.

कुम्हारों को नहीं मिल रहे हैं मटकों के सही दाम

राजधानी में भी गर्मी बढ़ने के साथ-साथ कुम्हारों ने भी बाजार में मटकों को लाना शुरू कर दिया है. जब इनसे मटकों की बिक्री के बारे में पूछा गया कि कितना फायदा और नुकसान होता है तो कुम्हार बेनीलाल प्रजापति ने बताया कि शहर में मिट्टी न होने से हमें बाहर से मटके लाना पड़ता है और बिक्री के बाद मुश्किल से हमें 10-5 रुपये ही मिल पाते हैं.

कुम्हारों का यह पारम्परिक व्यापार है इसलिए वह इसे करते हैं पर नुकसान होने और ठीक लागत न मिल पाने के कारण इन्हें मजदूरी भी करना पड़ता है. इनका यही कहना है कि अगर गर्मी ज्यादा पड़ती है तो ही हमारी कमाई हो पाएगी नहीं तो हर साल की तरह इस बार भी मटके रखे रह जाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details