भोपाल। कोरोना महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन एक मात्र सटीक उपाय था, जिसे पूरे देश में लागू भी किया गया. लेकिन इस लॉकडाउन ने लोगों से मुंह का निवाला छीन लिया है. देशभर में तमाम मजदूर महज खाना नहीं मिलने के कारण पैदल हजारों मील का सफर तय कर के अपने घर आ रहे हैं. ये भूक ही है, जिसके लिए इंसान दर-दर भटक रहा हैं. लॉकडाउन के कारण सभी व्यवसाय बंद हो गए हैं, जिस वजह से मजदूर वर्ग आर्थिक तंगी से परेशान हैं. उन्हीं का हाल जानने ETV भारत की टीम प्रदेश की राजधानी भोपाल के अलग-अलग स्लम एरिया में पहुंची और उनकी हालत जानी.
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राजधानी के ओम नगर बस्ती में रहने वाले लोगों का कहना है कि या तो सरकार खाने-पीने का बंदोबस्त करें या फिर लॉकडाउन खोल दे. लॉकडाउन के पहले रोजाना हम 200 से 300 रुपए की कमाई कर लेते थे, जिससे घर-परिवार चल जाता था. लेकिन अब लॉकडाउन को दो महीना हो गया है और घर में बच्चे भूखे सो रहे हैं. वहीं ओम नगर इलाके में रहने वाली फूलवती बताती हैं कि उनके घर में 7 लोग रहते हैं, उनके पति और बेटे टेलर का काम करते थे जिससे घर चलता था. लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकान बंद पड़ी है. ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि शादी का सीजन था, यही समय हम लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार होता है लेकिन इस कोरोना संक्रमण के कारण अब भूखे मरने की नौबत आ गई है.