भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले चंबल एक्सप्रेस- वे के निर्माण की शुरुआत की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई है. ग्वालियर चंबल अंचल में 16 सीटों पर उपचुनाव होना है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में कांग्रेस ने चुनौती दी है, कि सरकार प्रोजेक्ट के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक करें. तो साफ हो जाएगा कि प्रोजेक्ट कमलनाथ के प्रयासों के कारण आगे बढ़ा है. यह प्रोजेक्ट 13 साल से लंबित था. बहरहाल इस घोषणा को चुनावी घोषणा के रूप में देखा जा रहा है और भाजपा कांग्रेस सियासत से नहीं चूक रहे हैं.
चंबल एक्सप्रेस-वे पर सियासत, भाजपा ने लगाया कमलनाथ पर ठंडे बस्ते में डालने का आरोप, कांग्रेस ने कहा दस्तावेज करें सार्वजनिक - former chief spokesperson of MP Congress and AICC member KK Mishra
मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले चंबल एक्सप्रेस- वे के निर्माण की शुरुआत की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई है. ग्वालियर चंबल अंचल में 16 सीटों पर उपचुनाव होना है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया है, तो वहीं कांग्रेस ने दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की है.
![चंबल एक्सप्रेस-वे पर सियासत, भाजपा ने लगाया कमलनाथ पर ठंडे बस्ते में डालने का आरोप, कांग्रेस ने कहा दस्तावेज करें सार्वजनिक Politics on Chambal Expressway in Madhya Pradesh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7269063-394-7269063-1589944757270.jpg)
दरअसल, इस मामले में सिंधिया समर्थक भाजपा नेता कृष्णा घाडगे का कहना है कि, 'चंबल एक्सप्रेस वे योजना के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस की सरकार थी, तब इस योजना के लिए लड़ाई लड़ी थी और आज भी उन्हीं के प्रयासों से योजना को मूर्त रूप देने की शुरुआत की गई है. क्योंकि कमलनाथ सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी और भ्रष्टाचार और तबादलों के अलावा उसको कुछ नहीं करना था. तो उन्होंने योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस योजना की चर्चा शिवराज सिंह से की. तो उन्होंने इस योजना को अच्छे तरीके से शुरुआत करने का प्रयास किया. क्योंकि कांग्रेस के लोग सिंधिया के ऊपर वार करने के अलावा कोई काम नहीं करना चाहते. इसलिए उनका कहना है कि यह योजना कमलनाथ सरकार के प्रयासों से यहां तक पहुंची है, तो ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनको कमलनाथ ने शुरू किया था. लेकिन शुरू नहीं हो सकी. जब भाजपा और शिवराज सिंह के संज्ञान में ज्योतिरादित्य सिंधिया यह बात लाई. तो इस योजना को अमलीजामा पहना शुरू हुआ और योजना की शुरुआत हो सकी. क्योंकि यह ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट है'.
मप्र कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता और एआईसीसी सदस्य केके मिश्रा ने कहा है कि, विशेषकर ग्वालियर-चम्बल संभाग जहां आगामी दिनों 24 में से 16 उपचुनाव होने हैं, जिसके परिणाम आपके राजनीतिक भाग्य की लकीरें मिटाने वाले हैं. वहां आप सियासी जमीन पर "एक्सप्रेस -वे" का झूठ परोस रहे हैं. दरअसल आपके 13 वर्षीय मुख्यमंत्रित्व काल में आपने इस मुद्दे की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल ही रखा था. कमलनाथ सरकार ने ही 6 माह पूर्व अपनी व्यक्तिगत रुचि से इस फ़ाइल को पुनर्जीवित किया. तत्कालीन मुख्यसचिव एसआर मोहंती ने मुख्यमंत्री के निर्देश प्राप्त होते ही इस फ़ाइल को द्रुतगति से अंजाम दे दिया था. तब तो किसी चुनाव की आहट भी नहीं थी.