भोपाल। कोरोना काल में गरीबों को जानवरों का चावल वितरित किए जाने के मामले में सियासत जोर पकड़ती जा रही है. इस मामले में जहां बीजेपी पूर्व की कमलनाथ सरकार पर आरोप लगा रही है, तो वहीं कांग्रेस बिना नाम लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस का कहना है कि जो घटिया चावल बांटा गया है, वह सबसे ज्यादा बालाघाट में बांटा गया है और बालाघाट महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के नजदीक है. जो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ससुराल है. इसके अलावा मामले में कांग्रेस लगातार CBI जांच की मांग कर रही है. जबकि बीजेपी का आरोप है कि तथ्य सामने आए हैं कि जो घटिया चावल का स्टोरेज किया गया है, वह कांग्रेस के कार्यकाल में किया गया है. हमारी सरकार ने EOW को जांच का आदेश दिया है, कांग्रेस सिर्फ इस मामले में राजनीति कर रही है.
आरोप-प्रत्यारोप जारी
कोरोना काल में सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का ऐलान किया था, लेकिन केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश में बालाघाट और मंडला जिले में जो गरीबों को PDS के तहत जो राशन में चावल बांटा गया है, वह जानवरों के खाने लायक चावल था. इस खुलासे के साथ ही कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस के कार्यकाल में यह चावल स्टोरेज करने का आरोप लगा रही है.
कांग्रेस ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधा है और कहा है कि सबसे ज्यादा घटिया चावल प्रदेश के बालाघाट जिले में बांटा गया है और बालाघाट जिला महाराष्ट्र के गोंदिया के पास है. हालांकि कांग्रेस ने अपने आरोप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया है, लेकिन कांग्रेस का इशारा शिवराज सिंह की ससुराल की तरफ है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले में बीजेपी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को दोषी ठहरा रही है और आरोप लगा रही है कि शुरुआती जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं. यह चावल कमलनाथ सरकार के समय पर स्टोरेज किया गया है. सरकार ने इस मामले की EOW को जांच के आदेश दे दिए हैं.
होना चाहिए पर्दाफाश
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है, ''गुणवत्ता नियमों के अनुसार FCI खराब चावल को रिजेक्ट कर देता है. वह चावल बालाघाट के आसपास पकड़ में आया है, जो पशु भी नहीं खा सकते हैं. बालाघाट गोंदिया से कितनी दूर है, बालाघाट किस जिले के आसपास है. यह प्रश्न आज प्रदेश के सामने है. मैं मानता हूं कि वो गरीबों का मजाक उड़ाते हैं, गरीबों को चावल खिला कर जान के साथ खिलवाड़ हुआ है. इस मामले में सरकार दोषी है. हम मानते हैं कि जो चावल केंद्र सरकार ने खराब बताया है, उसकी जांच CBI से होना चाहिए. इसके पीछे कौन है, इसका पर्दाफाश होना चाहिए.''