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सट्टा किंग को मुंबई एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार, भोपाल लाकर कुछ ही घंटे में छोड़ा - भोपाल पुलिस पूछताछ के बाद छोड़ गई

दुबई में बैठकर भारत के अलग-अलग शहरों में सट्टे का धंधा चलाने वाले को भोपाल पुलिस ने पूछताछ के बाद जमानत पर छोड़ दिया है.

सट्टा किंग गिरीश तलरेजा

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Published : May 20, 2019, 8:37 AM IST

भोपाल| दुबई में बैठकर भारत के अलग-अलग शहरों में सट्टे का धंधा चलाने वाले सट्टा किंग गिरीश तलरेजा को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने मुंबई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया था. गिरीश के खिलाफ भोपाल पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी किया गया था.

भोपाल पुलिस ने सट्टा किंग को छोड़ा

मुंबई पुलिस की सूचना पर भोपाल पुलिस की 4 सदस्य टीम मुंबई पहुंची. वहां से सट्टा किंग गिरीश तलरेजा को गिरफ्तार कर भोपाल ले आई थी. माना जा रहा था कि उससे मामले की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा लेकिन पुलिस के द्वारा कुछ ही घंटे के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया.

पुलिस ने 20 अप्रैल को भोपाल के सात स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी. जिसमें एक करोड़ से ज्यादा की नकदी और 500 करोड़ रुपए के टर्नओवर का हिसाब लिखे हुए दस्तावेज जब्त किए थे.

पुलिस की जांच में सामने आया था कि इन लोगों के द्वारा आईपीएल मैच पर सट्टा लगाने का काम किया जा रहा है और इसका मुख्य सरगना गिरीश तलरेजा दुबई से इस पूरे रैकेट को हैंडल कर रहा था. जिसे देखते हुए गिरीश के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था .

भोपाल पुलिस की टीम मुंबई से गिरीश तलरेजा को गिरफ्तार कर देर शाम भोपाल में आई थी. भोपाल पहुंचने के बाद कोलार थाने में उससे कुछ देर पूछताछ की गई जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

सट्टा किंग के नाम से मशहूर गिरीश तलरेजा भोपाल के चुना भट्टी क्षेत्र में ईडन गार्डन में निवास करता है . लेकिन सट्टे का पूरा धंधा है दुबई से ही हैंडल करता है. आरोपी गिरीश के खिलाफ पुलिस ने अपराध क्रमांक 553 /19 धारा 3 , 4 ,(क ) धूत क्रीडा अधिनियम और 109 आईपीसी के तहत फरार चल रहा था . पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह दुबई में बैठकर नरेश हेमनानी को आईडी देता था. आरोपी से पासपोर्ट और मोबाइल जब्त किया गया है.

कोलार थाना प्रभारी अनिल बाजपेई का कहना है कि गिरीश तलरेजा को मुंबई से भोपाल लेकर आए थे. क्योंकि उसके ऊपर पुराना आईपीएल में सट्टे का मामला दर्ज है. जो कि 20 अप्रैल को कोलार थाने में छापामार कार्रवाई के बाद दर्ज किया गया था. पुलिस पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है. लेकिन सट्टा जमानती अपराध है इसलिए उसे वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार जमानत पर छोड़ा गया है .

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