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भोपाल में तैयार होगा फ्यूचर डिफेंस प्लान! PM मोदी के साथ CDS, तीनों सेना प्रमुखों की 1 अप्रैल को बैठक

भोपाल में देश के बेहतर डिफेंस का रोड मैप तैयार होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीनों सेना प्रमुख और CDS की 1 अप्रैल को अहम बैठक होने जा रही है. जल, थल और वायु सेना की रणनीति बनाने के लिए 4 दिनों तक भोपाल में सेना के अधिकारी और प्रमुख डेरा डालेंगे. इसके लिए शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

Meeting regarding future plan of defense in Bhopal
भोपाल में डिफेंस फ्यूचर प्लान मीटिंग

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Published : Mar 28, 2023, 6:54 PM IST

Updated : Mar 28, 2023, 7:07 PM IST

भोपाल: भारत की भविष्य में युद्ध की रणनीति क्या होगी? चीन और पाकिस्तान के दबाव से निपटने का क्या प्लान है. रुस-यूक्रेन जैसे लंबे चले युद्ध ने क्या सबक दिए. ऐसे लंबी अवधि के युद्ध से कैसे निपटना है. भोपाल में एक अप्रैल को सेना प्रमुखों के साथ होने जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है जहां ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. 30 मार्च से भोपाल में तीनों सेनाओं के प्रमुख पहुंच जाएंगे और 1 अप्रैल तक सेना का महत्वपूर्ण केन्द्र बना रहेगा भोपाल. भविष्य में युद्ध की रणनीति को लेकर भोपाल का रणनीतिक प्लान इस बैठक में तैयार होने की संभावना है.

डिफेंस का रोड मैप होगा तैयार: भोपाल में होने जा रही भारतीय सेना की इस महत्वूर्ण बैठक को लेकर Etv Bharat ने कर्नल बीबी वत्स से बात की तो उन्होने कहा कि "ये अहम बैठक है. जहां सामरिक स्तर पर देश की नीतियां बनाने पर मंथन होगा. यहीं तय होगा कि आगामी वर्षों में देश की रक्षा के मोर्चे पर क्या रणनीति होगी. डिफेंस का क्या रोडमैप होगा. पाकिस्तान-चीन से रिश्ते किस करवट में जाएंगे. रुस और यूक्रेन वॉर के परिप्रेक्ष्य में यह बैठक बेहद अहम हो जाती है. यह लंबा युद्ध चला है इनका क्या भारत की सामरिक तैयारियों पर क्या असर हुआ है, इस पर भी चर्चा हो सकती है."

सेना की प्रमुख बैठक भोपाल में किसलिए: आखिर भारतीय सेना की इतनी अहम बैठक दिल्ली के बजाए भोपाल में क्यों होने जा रही है. हालांकि ये पिछली बैठक में ही तय हुआ था कि अगली कॉन्फ्रेंस दिल्ली से बाहर ही की जाएगी. कर्नल वत्स कहते हैं कि "असल में ये प्रधानमंत्री मोदी की सोच का नतीजा है. आपके सामने उदाहरण हैं. आर्मी डे जो 15 जनवरी को मनाया जाता है उसका आयोजन बीते 70 सालों से दिल्ली में ही हो रहा था. लेकिन इस बार पीएम मोदी ने उसका आयोजन बेंगलुरु में रखा. इसी तरह 30 जनवरी को जो बीटिंग द रिट्रीट होता है उसमें पहली बार देसी धुनों को शामिल करवाया. भारतीय नौ सेना का जो झंडा है, उसमें बिट्रिश एम्पायर का चिह्व था, उसे निकाल दिया गया. तो पीएम मोदी इस तरह के ही क्रांतिकारी सोच से काम करते हैं. हर बैठक का केन्द्र दिल्ली ही क्यों? भोपाल या कोई अन्य शहर क्यों नहीं..."

इन खबरों पर भी एक नजर:

भोपाल सुदर्शन चक्र कोर सामरिक दृष्टि से अहम: कर्नल डॉ. बीबी वत्स बताते हैं "भोपाल में जो सेना की 21 स्ट्राइक सुदर्शन चक्र है. वो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण ऑफेंसिव फॉरमेशन है. इस बैठक के साथ भोपाल का नाम पूरे देश और दुनिया में सुर्खियों में आ गया है. इस बैठक के दौरान ही महौल बन रहा है जो देशभक्ति से ओपप्रोत है. एक तरफ आर्मी बैंड की प्रस्तुति है. दूसरी तरफ सेना में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपरकरणों और हथियारों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है. जिससे आम लोगों में देश भक्ति का भाव जागे और वो अपनी भारतीय सेना को जान सकें."

Last Updated : Mar 28, 2023, 7:07 PM IST

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