जनजाति महासम्मेलन: PM Modi के साथ नाश्ते का खर्च 3.50 करोड़ रुपये, ठहरने का 2.5 करोड़! जानिए कैसी है पीएम के भोपाल दौरे की तैयारी - सीएम शिवराज सिंह चौहान
15 नवंबर को होने जा रहे जनजाति महासम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भव्य स्वागत के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही है. कार्यक्रम में आदिवासियों को लाने के लिए 5000 बसों का इंतजाम किया गया है. बताया जा रहा है कि इस जनजाति महासम्मेलन में 25 करोड़ से ज्यादा का खर्च होने का अनुमान है.
पीएम मोदी
By
Published : Nov 11, 2021, 2:35 PM IST
|
Updated : Nov 11, 2021, 3:12 PM IST
भोपाल।आदिवासियों को खुश करने की कोई भी कोर कसर राज्य सरकार नहीं छोड़ना चाहती है. दो लाख से ज्यादा आदिवासियों को लाने के लिए 5000 बसों का इंतजाम किया गया है. जनजाति महासम्मेलन (tribal convention) में 25 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान अधिकारियों ने लगाया है. वहीं जनजातीय महासम्मेलन को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है. कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमलावर है. जिसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि जनजातीय महासम्मेलन को लेकर कांग्रेस के पेट में न जाने क्यों दर्द हो रहा है.
सीएम ने कमलनाथ को दिया करारा जवाब.
2.25 लाख आदिवासी कार्यक्रम में होंगे शामिल राजधानी में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं. जिन रास्तों से वे गुजरेंगे वहां पर फिर से रंग रोगन किया जा रहा है. हालांकि कई रोड ऐसी हैं, जहां पर बरसात के पहले ही रंग रोगन किया गया था. 2.25 लाख आदिवासियों को भोपाल लाया जाएगा, जिसके लिए 9 करोड़ 85 लाख का बजट रखा गया है.
खाने-नाश्ते के लिए भी करोड़ों का बजट मिली जानकारी के मुताबिक, आदिवासियों के खाने के बजट पर तीन करोड़ 48 लाख रुपये खर्च होंगे. इसमें अकेले नाश्ते पर 97 लाख 50 हजार खर्च होगें. इन्हें ठहरने में जो खर्च होगा वह बजट तकरीबन 2 करोड़ 65 लाख आएगा.
55 लाख रुपये का खरीदा जाएगा सेनेटाइजर वहीं कोरोना के केस में बढ़ोतरी को देखते हुए कोरोना कवच के रूप में सिर्फ सेनेटाइजर खरीदने के लिए 55 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जंबूरी मैदान मैं बड़े-बड़े डोम, स्टेज, पंडाल और ब्रांडिंग के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. इसके लिए अभी 25 करोड़ से ज्यादा का खर्च अनुमानित किया गया है.
जनजाति महासम्मेलन होगा खास.
कलेक्टर और अधिकारियों को दी जिम्मेदारी आदिवासियों के लिए बसों की सुविधा, खाने, नाश्ते और रात्रि विश्राम की जिम्मेदारी कलेक्टर और अधिकारियों को दी गई है. आदिवासियों को हर तरह की सहूलियत दी जाएगी. इसके अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) राशि को आदिवासी संस्कृति का संरक्षण, विकास एवं उत्थान सेमिनार के नाम पर खर्च करेगा. इस राशि का आवंटन वित्त विभाग ने किया है.
भोपाल के वीआईपी गेस्ट हाउस तक होगा डामरीकरण पीएम के दौरे के पहले पीडब्ल्यूडी सड़कों को दुरुस्त करने, चमकाने, हेलीपैड का निर्माण (construction of helipad) और बैरिकेडिंग में 1 करोड़ 35 लाख की राशि खर्च करेगा. इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी भोपाल के वीआईपी गेस्ट हाउस तक का डामरीकरण करेगा.
इन कामों पर होगा इतना खर्च
वीवीआईपी आगमन पर सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग पर 11 लाख रुपये खर्च होंगे.
कार्यक्रम में हेलीपैड के आसपास की सुरक्षा के लिए 24 लाख रुपये खर्च होंगे.
कैंपस की फेंसिंग में जीआई चैन लिंक पर लगभग 12 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे.
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में तीन हेलीपैड के निर्माण में 35 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं.
जम्बूरी मैदान में स्थलीकरण करने का कार्य पर 11 लाख रुपये खर्च होंगे.
विश्वविद्यालय में हेलीपैड तक पहुंचने वाले मार्ग के निर्माण पर 9 लाख रुपये खर्च होना बताया जा रहा है.
सबसे ज्यादा बसों का टारगेट वाले जिले
जिला
बसों की संख्या
आदिवासी
भोपाल
500
20600
होशंगाबाद
350
15000
रायसेन
300
13000
सीहोर
300
13000
हरदा
225
9000
कहां कितनी राशि आवंटित की गई
जिला
राशि
भोपाल
127.20
बड़वानी
98.13
खरगोन
90.65
सीहोर
89.4
धार
78.16
नोटःराशि लाख में है.
पास वाले जिलों से ज्यादा से ज्यादा बुलाए जाएंगे आदिवासी भोपाल से 5 घंटे तक की दूरी वाले जिलों से ज्यादा से ज्यादा आदिवासियों को लाया जाएगा. आदिवासियों की संस्कृति (Culture of tribal) पहचान दर्शाने वाले कार्यक्रमों की झलक भी कार्यक्रम स्थल पर दिखाई देगी. बीजेपी संगठन की तरफ से जिलों में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ता भी भीड़ बढ़ाने के इंतजाम में जुट गए हैं.
भोपाल और नर्मदापुरम संभाग से सबसे ज्यादा आदिवासियों को भोपाल लाने का टारगेट मिला है. आदिवासी बहुल इलाके धार, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, सिंगरौली, झाबुआ, अलीराजपुर शामिल हैं. यहां से 14 नवंबर की रात को आदिवासी भोपाल के लिए रवाना हो जाएंगे. वहीं तैयारियों को लेकर भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister in charge Bhupendra Singh) ने जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ करेंगे.
जनजातीय महासम्मेलन पर कमलनाथ को शिवराज ने दिया करारा जवाब जनजातीय महासम्मेलन को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि कांग्रेस और कुछ लोगों को एक और तकलीफ हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी जनजातीय गौरव दिवस क्यों मना रही है. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने भगवान बिरसा, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, भीमानायक, खाज्या नायक उनके योगदान को प्रणाम किया है. जनजातीय गौरव दिवस मनाने की पूरे देश में घोषणा की है. 15 से 22 नवंबर तक यह जनजातीय गौरव दिवस न केवल जनजातीय महानायकों के चरणों में श्रद्धांजलि होगी बल्कि, हमारे आदिवासी भाई-बहन, आदिवासी समुदाय के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगा.