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Controversy on Masjid In Bhopal : भोपाल की जामा मस्जिद की जगह थी हिंदुओं की वेदशाला, जानें.. क्या है बेगम की किताब में

ज्ञानवापी, ताजमहल और कुतुब मीनार से निकला मंदिर मस्जिद का विवाद अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी गर्मा रहा है. भोपाल की जामा मस्जिद के सर्वे की मांग उठने लगी है. इस बारे में एक हिंदू संगठन ने गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपा है. एक शिलालेख का उल्लेख भी किया जा रहा है. इतिहासकार रिजवान अंसारी भी शिलालेख में लिखी बातों को सही ठहरा रहे हैं. (Place of Jama Masjid of Bhopal was Vedashala) (Controversy on Masjid In Bhopal) (Claim in Begum book and inscription)

Controversy on Masjid In Bhopal
जामा मस्जिद की जगह थी हिंदुओं की वेदशाला

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Published : May 26, 2022, 3:04 PM IST

भोपाल।भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन दे कर शहर के चौक बाजार स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद के सर्वे की मांग उठाई है. इसके पीछे की वजह भोपाल की बेगम की लिखी किताब हयात कुदसी में मंदिर के ऊपर जामा मस्जिद के निर्माण का जिक्र मिलना है.

जामा मस्जिद की जगह थी हिंदुओं की वेदशाला

1151 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ :दावा किया जा रहा है कि यह मस्जिद 1832 से 1857 के बीच बनी. जीवनी में उन्होंने लिखा है कि यहां मिले पुराने सभा मंडल के एक शिलालेख पर लिखा था कि राजा विदियादत्त की पत्नी श्यामली ने सभा मंडल न्यास के लिए पत्थर का विशाल मंदिर बनवाया था. 1151 में निर्माण शुरू हुआ और 1184 में पूरा हुआ. यहाँ पर 500 ब्राम्हणों को नियुक्त किया गया था, जो पूजा के अलावा चार वेद, छह शास्त्र और 18 पुराणों की शिक्षा देते थे.

जामा मस्जिद की जगह थी हिंदुओं की वेदशाला

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इतिहासकार अंसारी भी सहमत :वहीं, इस शिलालेख के बारे में इतिहासकार रिजवान अंसारी कहते हैं कि जामा मस्जिद जो बनाई गई, उसके पहले यहां पर वेदशाला थी, जिसे हम यूनिवर्सिटी कह सकते हैं. इसमें 500 बच्चे वेद शास्त्र पढ़ते थे. सभा मंडल खत्म किया गया जब अलाउद्दीन खिलची का आक्रामण हुआ. मस्जिद के पहले यहां पर मूर्तियां भी थीं, जोकि पास के जैन मंदिर में सुरक्षित हैं . अंसारी बताते हैं कि भोपाल की बेगम कुदेसिया एक अच्छी महिला थीं और उन्हें जो उस वक्त वहां मिला, उन्होंने अपनी किताब में उसका जिक्र किया.

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