भोपाल।नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई, हालांकि इस दौरान कोई फैसला नहीं लिया जा सका. इस मामले में अब बेंच की उपलब्धता के आधार पर कल या परसों फिर से सुनवाई होगी. इस दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट का अध्यनन किया जाएगा. रिपोर्ट के आंकड़े अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खरे उतरते हैं तो फिर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है, हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा कि आरक्षण दिया जाए या नहीं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कोर्ट को सौंपी गई आयोग की रिपोर्ट को रद्दी का पुलिंदा बताया है.
कांग्रेस ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल:50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले सैयद जफर ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका लगाई है, उसमें 946 पेज में से सिर्फ 86 पेज ही थोड़े काम के हैं. बाकी 860 पेज रद्दी की टोकरी में जाने लायक हैं. (petition filed for obc reservation in mp)
जनपदवार आरक्षण देने का ऐलानः सैयद जफर ने ट्वीट में कहा कि ओबीसी वर्ग को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं है. अब जनपद वार ओबीसी वर्ग को देना अलग-अलग प्रतिशत में आरक्षण देना होगा. ऐसे में कई जनपद पंचायत में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलेगा ही नहीं. जनपदवार आरक्षण की प्रक्रिया में जनपदों को 25 से 30% तक आरक्षण मिल सकता है. (method of obc reservation distribution mp)