भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गणपति विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. खटलापुरा घाट पर गणपति विसर्जन के दौरान लोगों से भरी नाव पलट गई. हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे, लोगों ने लाइफ जैकेट भी नहीं पहना था. ऐसे में लोगों की सुरक्षा में लापरवाही की गई, प्रशासन की जबाबदेही है कि जब नाव में क्षमता से अधिक लोग थे तो नाव को कैसे जाने दिया गया.
नाव पर थे लाइफ जैकेट बिना पहने क्षमता से ज्यादा लोग, कहां था प्रशासन ? - प्रशासन की लापरवाही
भोपाल में गणपति विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत हो गई. हादसे के समय नाव में ज्यादा लोग सवार थे, कोई भी लाइफ जैकेट नहीं पहना था. पुलिस की टीम मौके पर मौजूद थी, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
प्रशासन की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी प्रशासन की लापरवाही की वजह से डूबने से लोगों की मौत हुई है. छोटे तालाब में सैर करने निकले लड़कों की नाव पलट गई थी. हादसे में चार युवकों की मौत हो गई थी. हादसा कमलापति घाट पर हुआ. नाव में कुल 10 लड़के सवार थे. गौरतलब है कि भोपाल के इस छोटे तालाब में शाम छह बजे के बाद सैर करने पर पाबंदी है.
खमरिया के पास नर्मदा नदी में एक नाव पलटने से 5 लोगों की मौत हो गई थी. नाव में कुल 14 लोग सवार थे जिनमें से 9 को बचा लिया गया था. यहां भी नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जिसके कारण यह हादसा हुआ. इस तरह की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही से ही होती है. ऐसे में सवाल है कि प्रशासन अपनी गलतियों से कब सीख लेगा और लोगों को कब तक प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.