भोपाल।मध्यप्रदेश में कोरोना का इलाज मेडिसिन के साथ-साथ प्लाज्मा थेरेपी से भी किया जा रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक कोविड-19 से ठीक हुए मरीज के खून में प्लाज्मा एंटीबॉडी तैयार करता है और इस प्लाज्मा से दूसरे कोरोना संक्रमित मरीज को फायदा होता है. अभी तक ऐसे 12 से 13 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की जा चुकी है. जिसके रिजल्ट बेहतर आए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस थेरेपी से दूसरे संक्रमित व्यक्ति के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है, जिससे वह संक्रमित होने से बचता है.
प्लाज्मा डोनेट कर रहे लोग प्लाज्मा थेरेपी 80 प्रतिशत सफल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत अनुमित मिलने के बाद प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू किया गया. जिसके परिणाम 70 से 80 प्रतिशत तक सफल रहे हैं. क्योंकि कोरोना से ठीक हुए मरीज के अंदर चार महीने तक एंटीबॉडी रहती है और इस दौरान वह अपने प्लाज्मा को महीने में दो बार डोनेट कर सकता है. कोरोना संक्रमित मरीज को डोनेट प्लाज्मा से वायरस से लड़ने में काफी मदद मिलती है. हालांकि अभी पूरी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि प्लाज्मा से मरीज ठीक हो सकता है, लेकिन फिलहाल जो रिजल्ट आ रहे हैं उससे उम्मीद है कि आने वाले समय में प्लाज्मा थेरेपी ज्यादा कारगर साबित होगी.
प्लाज्मा डोनेट करने की अपील
कोरोन संक्रमण से ठीक हुए मरीज नारायण गर्ग का कहना है कि वह भी एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे और इलाज के बाद अब वह स्वस्थ हो चुके हैं. ऐसे में जब उन्हें जानकारी मिली कि उनके प्लाज्मा से दूसरे संक्रमित व्यक्तियों का इलाज संभव है तो वह अपना प्लाज्मा डोंनेट करने अस्पताल पहुंचे. नारायण गर्ग का कहना है कि अगर उनके प्लाज्मा से किसी दूसरे व्यक्ति को लाभ हो सकता है तो यह अच्छी बात है. अन्य लोगों से भी अपील करते हैं कि लोग ज्यादा से ज्यादा प्लाज्मा डोनेट करें ताकि संक्रमित व्यक्तियों को भी जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले.
28 लोग कर चुके प्लाज्मा डोनेट
वहीं हमीदिया अस्पताल के कर्मचारी भावानी शंकर साहू भी कोरोना को मात दे चुके हैं, प्लाज्मा डोनेट करने की कड़ी में भवानी भी लोगों की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट किया. साथ ही लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की. हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी उमंग कुमार शर्मा का कहना है कि अभी तक ब्लड बैंक में करीब 28 लोग अपना प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं और इस प्लाज्मा से लोगों के उपचार में सहायता मिल गई है. शर्मा के अनुसार को कोविड से ठीक हुआ व्यक्ति महीने में दो बार प्लाज्मा डोनेट कर सकता है.
सरकार भी प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अलग-अलग एनजीओ और कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों से संपर्क कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकें और उस प्लाज्मा से अन्य व्यक्तियों को लाभ मिल सके. अब देखना ये होगा कि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना से लड़ने में कितनी कारगार साबित होती है.