भोपाल। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोगों का भटकना तो बंद हो गया है, लेकिन प्रशासनिक काम में अभी भी सहजता नहीं बन पा रही है. जिसके कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को कई बार घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. दरअसल, रेमडेसिविर का अलॉटमेंट जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. साथ ही इंजेक्शन की उपलब्धता भी सहज है. अधिकारियों में सामंजस्य ना होने के कारण मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं.
अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर पड़ी भारी, रेमडेसिविर के लिए काट रहे चक्कर
भोपाल में अब रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. वहीं, प्रशासनिक काम में अभी भी सहजता नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों को अभी भी काफी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा है.
अधिकारियों में नहीं है सामंजस्य
बता दें कि राजधानी में रेमडेसिविर की मारामारी लगभग खत्म हो गई हो है. प्रशासन ने बड़े पैमाने पर इलेक्शन उपलब्ध करा दिए हैं, जिसके लिए जिला चिकित्सालय के सामने मालवीय भवन से रसीद कटवा कर इंजेक्शन प्राप्त किया जा सकता है. वहीं, अधिकारियों में सामंजस्य ना होने के कारण मरीज के परिजनों को अभी भी परेशानी उठानी पड़ रही है. उधर शहर में गर्मी का पारा बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में परिजनों को 2 से 3 घंटे इंजेक्शन लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
परिजन ने बताई अपनी दिग्गत
बता दें कि एक परिजन शिवम नेमा से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनके पापा भोपाल के चरक अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें रोज ही इंजेक्सन लेने आना पड़ रहा है, उनको वहां मौजूद अधिकारी स्पष्ट नहीं बताते कि उन्हें कैसे इंजेक्शन मिलेगा और कौन देगा. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि मरीजों के परिजन वैसे ही मानसिक रूप से तनाव में हैं, ऐसे में उन्हें इंजेक्शन की सहज उपलब्धता कराई जाए.