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ब्यूटी पार्लर संचालकों ने ट्विटर पर चलाया अभियान, पीएम से लगाई मदद की गुहार - पीएम से लगाई मदद की गुहार

कोरोना काल में ब्यूटी पार्लर संचालकों पर आर्थिक संकट आ गया है. ऐसे में ब्यूटीशियन और हेयर डेसर्स ने अपनी समस्या के समाधान के लिए ट्वीट कर मदद की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री और अपने-अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री को टैग किया है.

Crisis on parlor operators
पार्लर संचालकों पर संकट

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Published : Aug 11, 2020, 8:33 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन में ज्यादातर व्यवसाय चौपट हो गए थे, जब लॉकडाउन खुला तो उसके बाद भी कोरोना संक्रमण के डर से ग्राहक ब्यूटी पार्लर नहीं जा रहे हैं, जिसके चलते अब ब्यूटी पार्लर संचालकों पर आर्थिक संकट और ज्यादा बढ़ गया है, अपनी इस समस्या के समाधान के लिए राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश और देश के ब्यूटीशियन और हेयर डेसर्स ने अपनी समस्या के समाधान के लिए ट्वीट कर मदद की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री और अपने-अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री को टैग किया है. सैकडों की संख्या में ब्यूटीशियनस ने ट्वीट किया.

भोपाल ब्यूटी पार्लर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ सरिता श्रीवास्तव

भोपाल ब्यूटी पार्लर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. सरिता श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमारे पार्लर काफी समय तक बंद रहे और जब खुले भी तो कोविड-19 के डर के कारण लोग आ नहीं रहे हैं. हम सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहे हैं, लेकिन ग्राहकों को समझाना मुश्किल है. उनमें डर है कि पार्लर जाने से उन्हें संक्रमण हो सकता है. इस कारण उनकी आय बहुत कम हो गयी है और खर्च जस के तस ही हैं क्योंकि सबको रेन्ट, बिजली बिल, स्टाफ की तनख्वाह भी देना होता है, सभी पार्लर वाले संकट में हैं.

इसी समस्या को आगे पहुंचाने के लिए देश के ब्यूटी पार्लर संचालकों ने एक संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ ब्यूटी हेयर एंड वेलनेस कॉउंसलिंग बनाया और एक पत्र राहत पैकेज के साथ 20 जुलाई को प्रधानमंत्री को भेजा था. लेकिन अब तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है.

इसीलिए आज मध्यप्रदेश सहित पूरे देश के ब्यूटीशियन और हेयर ड्रेसर ने अपनी समस्या को ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री और अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री को टैग कर बताई है और बीच का रास्ता निकालने की गुहार लगाई है. भीड़भाड़ वाली जगह होने के कारण ब्यूटी पार्लर को लॉकडाउन खुलने के बाद भी काफी समय तक बंद रखा गया था. जिस कारण संचालकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.

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