भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों में ताले लगे हुए हैं. लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. राजधानी के तमाम बड़े स्कूल लॉकडाउन के बाद भी अभिभावकों को फीस के लिए नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे हैं. बाल आयोग में 100 से अधिक शिकायतें प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ दर्ज की गई हैं. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी प्राइवेट स्कूलों की शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है. बावजूद इसके प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं. जबकि शासन के आदेशों के अनुसार स्कूल केवल ट्यूशन फीस वसूल सकता है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा एक्टिविटी फीस और पिछले तीन महीने की फुल फीस वसूली जा रही है. जिसके विरोध में जवाहरलाल नेहरू स्कूल के अभिभावकों ने स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया और नो स्कूल नो फीस के नारे लगाए.
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अभिभावक हो रहे परेशान, 'नो स्कूल नो फीस' के लगाए नारे - जवाहरलाल नेहरू स्कूल गेट पर प्रदर्शन
प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूली के विरोध में अभिभावकों ने स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भोपाल के जवाहरलाल नेहरू स्कूल के सामने अभिभावकों ने धरना प्रदर्शन किया और नो स्कूल नो फीस के नारे लगाए.
अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी जा चुकी है. प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को आधी सैलरी मिल रही है, ऐसे में स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं. जिसे दे पाना अभिभावकों के लिए आसान नहीं है. अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.
पैरेंट्स का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी कई बार शिकायत दर्ज की गई, लेकिन स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्कूल प्रबंधन फीस नहीं देने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दे रहा है. पैरेंट्स बाल आयोग में भी कई बार शिकायत कर चुके हैं. साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं. बावजूद इसके प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं थम रही है. ऐसे में अभिभावकों के पास प्रदर्शन करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा है.