भोपाल।प्रदीप मिश्रा ने कहा हमें सनातन धर्म को जोड़ना है आज के समय में इस को बांटने का प्रयास किया जा रहा है. तरह-तरह से लोग इसे बांटने का प्रयास कर रहे हैं. जिस तरह मच्छर काटने के साथ खून पीता है, वैसे ही इंसान काटने के साथ हमको बांट रहा है. हमें सनातन धर्म को एकजुट करना है क्योंकि, जैसे मच्छर काटता है तो खून पीता है जबकि मनुष्य काटता है तो हमे बांट देता है, धर्म, समाज, जाति, कुल, नाते रिश्ते, कुटुंब के नाम पर हमें बांटा जा रहा है. यह बात पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कहीं.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इस सृष्टि पर सिर्फ सबसे पहले देवाधिदेव महादेव थे और उनका शिवलिंग था. उसके पहले सब के अलग-अलग भगवान भी नहीं थे. आज के समय में लोगों ने भगवान को भी अलग-अलग रूप में बांट लिया है. आप अगर थोड़े दिन भगवान शंकर के मंदिर जाएंगे तो कोई विद्वान आपको रोक लेगा, वह कहेगा शंकर के चढ़ाए हुए जल को नहीं पीना. उनकी चढ़ी हुई बेल पत्री को नहीं खाना. इस तरह आपको ज्ञान देगा और आप को बांटने का प्रयास करेगा. तब आपको कहना है कि आप भगवान महादेव की शरण में है और अपने ईस्ट को याद करते हुए पूजन अर्चन में आगे बढ़ते रहिए.
21वीं सदीं में हिंदिस्तान भगवामय : बता दें पंड़ित प्रदीप मिश्रा इन दिनों राजधानी भोपाल में विश्वास सारंग द्वारा आयोजित शिवमहापुराण में कथा का प्रवचन कर रहे हैं. इस मौके पर पंडित ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि भारत अब विश्व गुरू बनेगा और स्वामी विवेकानंद की यह भविष्यवाणी सार्थक होगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 21वीं सदीं में हिंदिस्तान भगवामय होगा. बिना खिड़की का मकान नहीं होता और बिना अच्छाई का इंसान नहीं होता.