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पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- जाति धर्म के नाम पर बांटने की हो रही कोशिश, सनातन धर्म को जोड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत - भोपाल में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा

पंड़ित प्रदीप मिश्रा इन दिनों राजधानी भोपाल में शिवमहापुराण की कथा कर रहे हैं. कथा में पंडित मिश्रा ने कहा कि आज समाज को बांटने का काम किया जा रहा है.

Pradeep mishra
पंडित प्रदीप मिश्रा

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Published : Jun 11, 2023, 9:54 PM IST

पंडित प्रदीप मिश्रा

भोपाल।प्रदीप मिश्रा ने कहा हमें सनातन धर्म को जोड़ना है आज के समय में इस को बांटने का प्रयास किया जा रहा है. तरह-तरह से लोग इसे बांटने का प्रयास कर रहे हैं. जिस तरह मच्छर काटने के साथ खून पीता है, वैसे ही इंसान काटने के साथ हमको बांट रहा है. हमें सनातन धर्म को एकजुट करना है क्योंकि, जैसे मच्छर काटता है तो खून पीता है जबकि मनुष्य काटता है तो हमे बांट देता है, धर्म, समाज, जाति, कुल, नाते रिश्ते, कुटुंब के नाम पर हमें बांटा जा रहा है. यह बात पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कहीं.

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस सृष्टि पर सिर्फ सबसे पहले देवाधिदेव महादेव थे और उनका शिवलिंग था. उसके पहले सब के अलग-अलग भगवान भी नहीं थे. आज के समय में लोगों ने भगवान को भी अलग-अलग रूप में बांट लिया है. आप अगर थोड़े दिन भगवान शंकर के मंदिर जाएंगे तो कोई विद्वान आपको रोक लेगा, वह कहेगा शंकर के चढ़ाए हुए जल को नहीं पीना. उनकी चढ़ी हुई बेल पत्री को नहीं खाना. इस तरह आपको ज्ञान देगा और आप को बांटने का प्रयास करेगा. तब आपको कहना है कि आप भगवान महादेव की शरण में है और अपने ईस्ट को याद करते हुए पूजन अर्चन में आगे बढ़ते रहिए.

21वीं सदीं में हिंदिस्तान भगवामय : बता दें पंड़ित प्रदीप मिश्रा इन दिनों राजधानी भोपाल में विश्वास सारंग द्वारा आयोजित शिवमहापुराण में कथा का प्रवचन कर रहे हैं. इस मौके पर पंडित ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि भारत अब विश्व गुरू बनेगा और स्वामी विवेकानंद की यह भविष्यवाणी सार्थक होगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 21वीं सदीं में हिंदिस्तान भगवामय होगा. बिना खिड़की का मकान नहीं होता और बिना अच्छाई का इंसान नहीं होता.

कर्ज सिर्फ भोलेनाथ से लो: शिव महापुराण कथा में प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इस संसार में मनुष्य की देह केवल भगवान की भक्ति के लिए है. हमारे जीवन की सार्थकता तब है जब एक लोटा जल भगवान शिव को अर्पित करने में सफल हो जाएं. उन्होंने कहा कि शिव भक्ति हमें हर मनुष्य में अच्छाई देखने के लिए प्रेरित करती है. बिना खिड़की का मकान नहीं होता और बिना अच्छाई का इंसान नहीं होता इसलिए हर इंसान में अच्छाई देखो. इस समय दुनियाभर के बैंक लोगों को लोन देने और कर्जा में डुबाने के लिए तैयार बैंठे हैं. भूलकर भी कभी कर्जा मत लेना, अगर लेना भी पड़े तो भगवान भोलेनाथ से लेना क्योंकि संसार से कर्जा लोगे तो चुकाना पड़ेगा. शिव से कर्जा लोगे तो कभी चुकान नहीं पड़ेगा.

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कम पड़ी जगह: महाशिवपुराण कथा के विशाल मंच पर भोपाल के कलाकार शंकर पार्वती का भेष धरकर लुभावनी झॉकी प्रस्तुत की. जिसको देखकर लाखों श्रद्धालु तालियां बजाकर श्रद्वाभाव व्यक्त करते हुए भक्ति भाव से भर गए. धूप में खड़े 2000 हजार श्रद्वालुओं को छतरियां बांटी. अपार जन समूह उमड़ा जिससे आयोजन समिति द्वारा बढ़ाये गए चार नए पंड़ाल भी खचा-खच हो गए और मजबूरी वश धूप में खड़े श्रोताओं को छतरियां भेंट की गई.

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