भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण कई सारी व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं और इसमें सबसे ज्यादा जरूरी व्यवस्था ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर तमाम तरह की समस्याएं आ रही है. महाराष्ट्र सरकार का मध्य प्रदेश के लिए ऑक्सीजन सप्लाईज रोकने के बाद अब ऑक्सीजन की सीमित सप्लाई को देखते हुए प्रशासन इसके प्रबंधन को लेकर ऑक्सीजन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम पर काम कर रहा है. प्रदेश में कई जगह ऑक्सिजन सप्लाई और उपलब्धता में कमी के चलते मरीजों की जान जाने की खबरों के बाद शासन ने भी इसे गंभीरता से लिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने अब नई रणनीति के तहत प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों में कोरोना वायरस इलाज के मद्देनजर ऑक्सीजन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया है. इस सिस्टम के तहत अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता समेत इससे जुड़ी तमाम जानकारी अस्पतालों से ली जाएगी. प्रदेश के हर जिलों में को व्हाट्सएप तारों से प्रतिदिन ऑक्सीजन की उपलब्धता की अपडेट ली जाएगी इसके लिए भोपाल सहित इंदौर, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर संभाग के लिए शासन स्तर से बायोमेडिकल इंजीनियर भी नियुक्त किए जाएंगे. इनके ऊपर इन संभागों में उपसंचालक स्तर के अधिकारी को नोडल बनाया गया है.
प्रदेश में लागू होगा ऑक्सीजन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम, ऑक्सीजन उपलब्धता में होगा सहायक
कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए प्रदेश के सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे लगातार ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
अस्पतालों को ऑपरेशन के डी-टाइप सिलेंडर की संख्या, ऑक्सीजन के b-type सिलेंडर की संख्या और सिलेंडरों के सी-टाइप सिलेंडरों की संख्या की जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक की क्षमता और ऑक्सीजन जनरेशन सप्लाई एलपीएम की भी जानकारी देनी होगी. इस व्यवस्था को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कोविड-19 सेंटर्स में ऑक्सीजन की सप्लाई को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना है. ताकि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.