भोपाल। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन(Corona Vaccine) का तीसरे चरण का परीक्षण जारी है. यही वजह है कि इसके आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देने की प्रक्रिया में समय लग सकता है, जबकि फाइजर को अभी कुछ पैमानों पर खरा उतरना है. वहीं ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड के भारत में सबसे पहले सशर्त मंजूरी मिल गई है.
एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी ने बताया कि नए आंकड़ों से पता चला है कि वैक्सीन मॉडर्ना या फाइजर-बायोएनटेक जितनी ही प्रभावशाली थी और इस गंभीर बीमारी के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षात्मक भी थी.भारत में कोरोना वैक्सीन के दो दिनों के ड्राय रन के बाद सरकार देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के पहले आपातकालीन इस्तेमाल मंजूरी दे गई है.
क्या ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन म्यूटेंट वायरस में कारगर है?
- शोधकर्ताओं का मानना है कि वैक्सीन का शॉट ब्रिटेन में तेजी से संक्रमण फैलाने वाले वायरस के नए संस्करण में प्रभावी होगा.
- ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण परिणामों में दो अलग-अलग रेजिमेंस में 70 प्रतिशत की प्रभावकारिता दर अलग-अलग दिखी.
- इनमें से एक रेजिमेंस (एक पूर्ण खुराक के बाद एक आधा खुराक) में 90 प्रतिशत प्रभावकारिता दर देखी गई.
- यहां तक कि चीन के वॉल्वैक्स बायोटेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन ने एस्ट्राजेनेका पीएलसी के उत्पाद के समान ही प्रारंभिक चरण के कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार बनने के लिए एक संयंत्र पर काम शुरू कर दिया है.
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका फाइजर-बायोनेट और मॉडर्ना से कैसे अलग है?
- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीका स्पाइक प्रोटीन के निर्माण के वायरस के आनुवंशिक निर्देशों पर आधारित है. लेकिन फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना टीकों के उलट, जो सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए के निर्दिशों पर काम करते हैं, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन डबल स्ट्रैंडेड डीएनए का उपयोग करता है.
- कोरोना के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन फाइजर और मॉडर्न से एमआरएनए टीकों की तुलना में ज्यादा अनियमित है.
- एडेनोवायरस का सख्त प्रोटीन कोट अंदर की जेनेटिक सामग्री को बचाने में मदद करता है. परिणामस्वरूप ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को फ्रोजन में रखने की जरूरत नहीं पड़ती.
- 38–46°F (2–8°C) तापमान पर रखे जाने पर वैक्सीन के कम से कम छह माह तक चलने की उम्मीद की जा सकती है.
- ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को सामान्य तापमान पर भी संग्रहीत कर रखा जा सकता है.
- इसी तरह, मॉडर्न को उम्मीद है कि mRNA-1273 छह महीने तक -20 डिग्री सेल्सियस (-4 डिग्री F) तक रखी जा सकती है.