भोपाल। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड कारखाना राजधानी का सबसे बड़ा शासकीय औद्योगिक कारखाना है, जहां लगभग 8000 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी और मजदूर काम करते है. ऐसे में कारखाने के 230 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 30 की मृत्यु भी हो गई है. लिहाजा विधायक कृष्णा गौर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कारखाने को कुछ समय के लिए बंद करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं लिया गया है.
हाल-फिलहाल भेल कारखाना ऑक्सीजन सप्लाई का सबसे मुख्य स्त्रोत है. यहां से रोज 600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई विभिन्न अस्पतालों में की जा रही है. ऐसी स्थिति में भेल को कुछ समय के लिए बंद करना मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
भेल प्रबंधन ने प्रारंभ से ही कोरोना से बचाव के लिए काम शुरू कर दिया था, जो अब तक चल रहा है. कारखाने के प्रवेश द्वार पर कर्मचारियों को सैनिटाइज करने की मशीनें भी रखवाई गईं है. प्रत्येक ब्लॉक में हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था भी की गई है. वहीं बिना मास्क लगाए कर्मचारियों को कारखाने में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त भेल की यूनियन भी अपने सदस्यों को कोरोना से बचाव के लिए भेल प्रबंधन का सहयोग कर रही हैं.
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