भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए 9 जिलों में आउटरीच एंड ड्राॅप इन सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है. समााजिक न्याय विभाग ने इन जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है. सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दो साल पहले कराए गए सर्वे के आधार पर यह सेंटर खोला जा रहा है. इन जिलों में बच्चों में नशे के मामले बढ़ रहे हैं.
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क्यों नशे में झूम रहा बचपन
साल 2018 में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली द्वारा सर्वे कराया गया था, जिसमें सामने आया था कि मध्यप्रदेश के 9 जिलों सहित देश भर के 127 जिलों में बच्चों में नशे की आदत बढ़ रही है. इसमें मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और रीवा जिले शामिल थे. इन जिलों में बच्चों में नशे की आदत बढ़ने के मामले सामने आए थे. यहां सबसे ज्यादा समस्या नशीला पदार्थ सूंघकर नशा करने की समस्या पाई गई थी, इनमें 17 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल पाए गए थे. देश भर में ऐसे बच्चों की संख्या करीब साढ़े चार लाख पाई गई थी, इसमें मध्यप्रदेश में करीब 50 हजार बच्चों के होने की बात सामने आई थी.
इन जिलों में खोले जा रहे सेंटर
बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए सामाजिक न्याय विभाग प्रदेश के 9 जिलों में आउटरीच एंड ड्राॅप इन सेंटर खोलने की तैयारी में है, इसके लिए विभाग ने इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और रीवा के कलेक्टर को पत्र लिखकर सेंटर खोलने संबंधी प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है. सामाजिक न्याय विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. विवेक पचौरी के मुताबिक इन जिलों में सेंटर खुलने के बाद नशे की गिरफ्त में जाने से बच्चों को बचाया जा सकेगा. इन सेंटर में बच्चों की काउंसलिंग की जा सकेगी और जरूरी होने पर इनके इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी.