भोपाल/नागपुर। बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के बहाने अंधश्रध्दा को लेकर पूरे देश में छिड़ी बहस के साथ अब सनातन हिंदू को निशाना बनाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे इस बयान के साथ सामने आए हैं कि इस समय में अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झुरमुरे ने कहा कि जो आरोप हम पर लगाया जा रहा है कि समिति हिंदू आस्था पर हमला कर रही है, हमारा ये कहना है कि हम अंधविश्वास से हिंदुओं को नहीं तो किसे बचाएंगे.
ईश्वर का नहीं ढोंग का है विरोधःअंधश्रध्दा निर्मुलन समिति भले अभी चर्चा में आई हो लेकिन महाराष्ट्र में ये संस्था बीते चालीस सालों से काम कर रही है. सुरेश झुरमुरे बताते हैं, हमने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ किया है. अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. वे कहते हैं महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर सात-आठ राज्यों में हमारी समिति काम करती है. झुरमुरे के मुताबिक हमारा विरोध ईश्वर का है ही नहीं. हमारा विरोध ढोंग और पाखंड के विरुद्ध है. वैज्ञानिक सोच का निर्माण करना हम सबकी जिममेदारी है. संविधान में 51 एएच में इसका उल्लेख है. हमने कई देवियों और बाबाओं का भंडाफोड़ किया है. माहारष्ट्र में 2013 में अंधविश्वास के खिलाफ जादू टोने के खिलाफ कानून पारित हुआ. इस कानून को सभी दलों का इसे समर्थन भी मिला है. झुरमुरे कहते हैं अंधविश्वास के खिलाफ इस लड़ाई में श्याम मानव की भूमिका अहम है. 1982 में उनके प्रयासों से नागपुर में समिति गठित हुई, जिसकी बदौलत इस कानून का ठीक ढंग से अमल हो पाया.
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