भोपाल। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच टकराव के बाद देश में चायनीज सामानों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसी कड़ी में भारत सरकार ने देश के नागरिकों की मांग को समझते हुए PUBG गेम पर पाबंदी लगा दी है, जिसे लेकर युवाओं के बीच PUBG को लेकर मिली जुली प्रक्रिया सामने आ रही है.
PUBG खेलने वाले युवा आयुष मोरे ने बताया कि जब से PUBG बैन हुआ है, तभी से पढ़ाई शुरू हो गई है. छात्र ने कहा कि सरकार ने PUBG बैन कर दिया है, तो ठीक है, छात्र वैसे भी मनोरंजन के लिए खेला करते थे. PUBG को लेकर तनीषा मीणा ने कहा कि जब गेम बैन हुआ, तो उस वक्त थोड़ा बुरा लगा था. तनीषा मीणा ने इसे सही ठहराते हुए कहा कि ये ठीक ही हुआ है, क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे PUBG खेला करते थे.
वहीं PUBG बैन को लेकर बच्चों के अभिभावकों का मानना है कि एक प्रकार से देखा जाए, तो ये बैन सही है. क्योंकि बच्चे ज्यादातर समय PUBG खेलने में बीताते थे. अभिभावक छाया मोरे ने बताया कि जब तक लॉकडाउन था, तब तक तो ठीक था. बच्चे रात दिन पबजी खेलते थे. लेकिन जब बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई, तब भी बच्चे PUBG खेलने में ज्यादा वक्त लगाते थे. इसलिए सरकार ने जो फैसला लिया है, वो सही है.
मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य ने कहा कि किसी भी एडिक्शन की बात की जाए, तो ये सबसे ज्यादा घातक होता है. उन्होंने कहा कि अनकंट्रोल यूजेस से एडिक्शन पैदा होता है और जब उस चीज की अचानक से रोकथाम की कोशिश होती है, तो इंसान एकदम विदड्रोस में चला जाता है. मनोचिकित्सक ने बताया कि ब्रेन विदड्रोल में जाता है, तो बहुत बेचैनी होती है बहुत घबराट होती है, इसके साथ साथ बच्चों में चिड़चिड़ापन आता है. इन सब का परिणाम ये होता है कि बच्चे आत्मघाती कदम उठा लेते हैं.
हर जगह पबजी की चर्चा
वैसे तो भारत सरकार ने चीन के 118 मोबाइल गेम्स और एप्स पर प्रतिबंध लगाया है. जिनमें गेमिंग एप से लेकर डेटिंग, बिजनेस और दूसरी तरह के एप्स भी शामिल हैं, लेकिन हर तरफ केवल PUBG गेम की ही चर्चा हो रही है. PUBG गेम को अब मोबाइल पर तो नहीं खेला जा सकता है, लेकिन इसका डेक्सटॉप वर्जन अभी भी काम कर रहा है. PUBG पर प्रतिबंध लगने से जहां एक तरफ बच्चे काफी मायूस हैं, तो वहीं सबसे ज्यादा खुश इन बच्चों के माता-पिता ही है.
बैन के बाद बच्चों में नाराजगी तो बढ़े खुश
PUBG गेम पर बैन के बाद बच्चों में खासी नाराजगी है, तो वहीं उनके माता-पिता इस प्रतिबंध से सबसे ज्यादा खुश हैं. बच्चे सरकार के इस कदम की सराहना तो कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि टाइम पास के लिए यह गेम बहुत अच्छा था. इस गेम पर दोस्तों के साथ बच्चे काफी समय बिताते थे, लेकिन अचानक प्रतिबंध लगने से थोड़ी मायूसी जरूर है.
ऑनलाइन गेम नशे से कम नहीं