भोपाल/जबलपुर।हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों में पदोन्नति की आस दोबारा जागी है. हालांकि सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद अपना रुख साफ नहीं किया है. कर्मचारी संगठन का कहना है कि आरक्षण की वजह से प्रदेश के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाया है. जूनियर पहले ही प्रमोट हो जाते हैं. 2-3 साल से पदोन्नति नहीं मिलने से करीब 15 हजार कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं. जिसका नुकसान उन्हें पेंशन भुगतान में उठाना पड़ा है. कर्मचारी संगठनों ने हाई कोर्ट के सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण के आदेश को दुखद बताया, और 27 फीसदी आरक्षण दिलाने की मांग की.
जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर्स के पद पर भर्ती के मामले में भर्तियां 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के अनुसार ही करने का अंतरिम आदेश दिया है. बाकी 13 फीसदी ओबीसी आरक्षण को रिजर्व रखा गया है. सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने हाई कोर्ट में आवेदन दायर किया था. जिसमें उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर्स के पद पर नियुक्ति को जरूरी बताया था. कोर्ट ने कहा है कि सरकार पद के लिए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार कर सकती है, लेकिन नियुक्तियों में फिलहाल 14 प्रतिशत ही ओबीसी आरक्षण लागू होगा.