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जानिए किस आधार पर सत्ता में वापसी का दावा कर रही कांग्रेस, बीजेपी ने कहा- मुगालते में ना रहें

मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को संपन्न हुए 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के बाद अब नतीजों का इंतजार है. 10 नवंबर को ये साफ हो जाएगा की, शिवराज की सरकार सत्ता में रहेगी या कांग्रेस की वापसी होगी. हालांकि कांग्रेस ने 28 की 28 सीटें जीतने का दावा किया है और इसके पीछे ये दलील दी है कि, जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन सीटों पर बीजेपी से 13 फीसदी अधिक मत हासिल किए थे.

Kamal Nath
कमलनाथ

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Published : Nov 9, 2020, 10:52 AM IST

भोपाल। 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर कांग्रेस बड़ा दावा कर रही है. कांग्रेस का दावा है कि, 'हम 28 की 28 सीटें जीतने जा रहे हैं' और अपने इस दावे पर कांग्रेस जो तर्क दे रही है. वो ये है कि, कांग्रेस ने 2018 में इन 28 सीटों में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस और बीजेपी के बीच करीब 13 प्रतिशत मतों का अंतर था. कांग्रेस ने बीजेपी से करीब 13 प्रतिशत मतों की बढ़त हासिल की थी और ये आंकड़ा करीब पांच लाख के करीब था. कांग्रेस का दावा है कि, '2018 में मिला मत प्रतिशत परिवर्तित नहीं हुआ है. ये मत कांग्रेस को ही मिला है'.

क्या है कांग्रेस का 28 सीट की जीत का दावा
मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में राजनीतिक विश्लेषण के चलते दोनों दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों 28-28 सीटें हासिल करने जा रही है. कांग्रेस का दावा है कि, हमारे दावे को समझने के लिए 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें, तो ये तथ्य सामने आएंगे. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. इनमें से ज्यादातर सीटें कांग्रेस लंबे समय से जीतती आ रही है. इन सीटों पर कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले लगभग चार लाख 99 हजार मत ज्यादा मिले थे. जो इन सीटों पर हुए कुल मतदान के मत प्रतिशत का लगभग 14 फीसदी था. यानि इन सभी सीटों पर बीजेपी पहले से ही भारी मतों से पीछे थी.

इन 28 सीटों में से डबरा, करेरा, बमोरी, मुंगावली, सुवासरा कांग्रेस पार्टी 2013 में भी जीती थी. जबकि जौरा, दिमनी, मेहगांव, ग्वालियर पूर्व,पोहरी, अशोकनगर,सुरखी, बड़ा मलहरा, ब्यावरा और मांधाता जैसी 10 सीटें 5 हजार से कम मतों से हारी थी. ये वह चुनाव था, जिसमें बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन इन सारी सीटों पर 2018 में कांग्रेस ने औसतन 25 हजार वोटों से बढ़त हासिल की थी. सवाल उठता है कि, 25 हजार वोटों का कांग्रेस को क्यों स्विंग मिला, क्योंकि जनता बीजेपी के 15 साल के शासन से कहीं न कहीं ऊब चुकी थी.

2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का भाजपा के मुकाबले मत प्रतिशत

विधानसभा सीट कांग्रेस मत प्रतिशत बीजेपी मत प्रतिशत
आगर 46.24 47.69
अंबाह 29.89 23.79
अनूपपुर 50.02 41.01
अशोकनगर 47.01 40.01
बदनावर 50.03 26.03
बमौरी 42.01 24.01
भांडेर 62.00 28.00
ब्यावरा 43.03 42.03
डबरा 61.02 22.03
दिमनी 49.23 36.16
गोहद 49.02 30.02
ग्वालियर 52.40 40.42
ग्वालियर पूर्व 52.05 42.05
हाटपिपल्या 52.15 43.69
जौरा 25.21 23.35
करैरा 37.01 28.47
बड़ा मलहरा 45.16 34.55
मांधाता 47.22 46.40
मेहगांव 37.90 22.01
मुरैना 45.62 31.83
मुंगावली 39.99 38.44
नेपानगर 46.69 45.99
पोहरी 37.06 32.22
सांची 50.70 44.58
सांवेर 48.38 46.90
सुमावली 41.01 32.72
सुरखी 55.33 40.66
सुवासरा 45.03 44.86


उपचुनाव में मतदान प्रतिशत

विधानसभा क्षेत्र मतदान का प्रतिशत
आगर 83.75
अंबाह 54.30
अनूपपुर 73.28
अशोकनगर 76.02
बदनावर 83.20
बमोरी 78.48
भांडेर 72.59
ब्यावरा 81.77
डबरा 66.68
दिमनी 61.06
गोहद 54.42
ग्वालियर 56.15
ग्वालियर पूर्व 48.15
हाटपिपल्या 83.66
जौरा 69.00
करैरा 73.68
बड़ा मलहरा 69.52
मांधाता 73.44
मेहगांव 61.18
मुरैना 59.17
मुंगावली 77.17
नेपानगर 75.81
पोहरी 76.02
सांची 68.87
सांवेर 78.01
सुमावली 63.04
रखी 71.97
सुवासरा 82.61


हम जीतेंगे 28 की 28 सीटें- कांग्रेस
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, 'बीजेपी अंधेरे में हैं. 28 सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें से 27 सीटें हम पहले से ही जीते हुए थे. यह हमारी सीटें थी. इन सीटों पर हमारा मत बीजेपी से करीब 13 प्रतिशत पहले से ही ज्यादा था'. इसके साथ ही कांग्रेस का दावा है कि 'बीजेपी के अंदर भितरघात हुआ है'. इसके साथ ही भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, 'ये आत्मविश्वास हवा में नहीं है, यह आत्मविश्वास गणितीय आकलन और यथार्थ परिस्थितियों के आधार पर है. कमलनाथ के नेतृत्व का विश्वास है. इसलिए हम चुनाव जीत रहे हैं'.

कांग्रेस का दावा
बीजेपी ने साधा निशाना, 'मुगालते में है कांग्रेस'बीजेपी प्रवक्ता राजो मालवीय का कहना है कि, 'कांग्रेस मुगालते में हैं. 2018 का चुनाव अलग था और वह भूल रही है कि, यह 2020 का चुनाव है. आपने मतदाता के मतदान का सम्मान नहीं किया था. इसलिए वो आपका दल छोड़ कर चले गए'. बीजेपी का कहना है कि, '15 महीने की सरकार में कमलनाथ ने ऐसे ऐसे पाप किए, जिनके लिए क्षमा नहीं हैं. पालने में लेटी बेटी का हक छीन लिया, गर्भवती महिलाओं को जापे के लड्डू छीन लिए, तीर्थ दर्शन में बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा छीन ली, कर्ज माफी के नाम पर किसानों को डिफाल्टर बना दिया'.
बीजेपी ने कसा तंज
'हमें करना चाहिए 10 तारीख का इंतजार'वरिष्ठ पत्रकार खिलावन चंद्राकर का कहना है कि, यह सब मतदान के पहले की बात है. निश्चित रूप से जो मतदान का प्रतिशत निकाला है. उसमें कांग्रेस का मत प्रतिशत 10 से 13 प्रतिशत तक ज्यादा जाता है. कांग्रेस का दावा है कि, हम सारी सीटें जीत रहे हैं, तो मुझे लगता है कि, ये उनकी सोच हो सकती है, लेकिन मतदान हो चुका है और परिणाम आने वाले हैं. 229 सीटों का जो गणित है, इसमें स्पष्ट बहुमत उसी को मिलेगा, जो 115 के आंकड़े तक पहुंचेगा. 107 सीट बीजेपी के पास है, अगर बीजेपी को 8 सीट मिलती हैं. तो बहुमत का जादुई आंकड़ा 115 को छू लेती है, लेकिन जिस तरह हमने पिछली बार देखा कि, कमलनाथ के साथ चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक थे.
वरिष्ठ पत्रकार की राय

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