भोपाल। कोरोना का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन लोग कोरोना को लेकर अब लापरवाही बरतने लगे हैं. शुरुआती दौर में कोरोना को लेकर सरकार सख्त थी. बस स्टैंड ,रेलवे स्टेशन और ऑटो स्टैंड पर कोरोना को लेकर सख्ती बरती जाती थी. लेकिन अब समय के साथ लोग कोरोना को लेकर लापरवाह हो चुके है. इसका उदाहरण राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल पर देखने को मिल रहा है. जहां कोरोना से सावधानी के लिए ना तो सेनेटाइजर की व्यवस्था है और ना ही प्रवेश द्वार पर यात्रियों की स्क्रेनिंग की कोई व्यवस्था है. बस स्टैंड पर एक साथ 600 बसे इक्कट्ठा होती है. जिसमें हजारों यात्री रोज यात्रा करते है, लेकिन बस टर्मिनल पर कोरोना से बचावा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
बिना मास्क यात्री कर रहे यात्रा
राजधानी भोपाल में एकमात्र अंतर राज्य बस स्टैंड है. जिसकी स्थिति यह है कि एक साथ कई बसें आने के बाद यात्रियों की भीड़ लग जाती है. यहां शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाता कई यात्री तो बिना मास्क के ही बस में सफर कर रहे हैं. पर इन यात्रियों की देख रेख के लिए बस स्टैंड पर कोई चेकिंग व्यवस्था तक नहीं है.
ISBT पर नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन!
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है. बस स्टैंड पर ना तो यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है और न ही सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था है. बस स्टैंड पर बिना मास्क के यात्री बस में सफर कर रहे है.
'केवल चलानी कार्रवाई करने आते है अधिकारी'
आईएसबीटी बस टर्मिनल के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि आईएसबीटी पर यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए सफाई कर्मचारी 24 घंटे बस स्टैंड पर तैनात रहते हैं. उन्होंने कहा सफाई कर्मचारी लोगों को मास्क पहनने और सैनिटाइज करने के लिए जागरूक करते हैं. इसके साथ ही समय-समय पर बस स्टैंड का निरीक्षण किया जाता है. अगर कोई आदमी बिना मास्क के मिलता है तो उस पर चालानी कार्रवाई भी की जाती है. उन्होंने बताया पिछले एक माह में 567 लोगों पर कार्रवाई हुई है.
सफाई कर्मियों ने कहा प्रतिदिन बस सेनेटाइज होती है
आईएसबीटी पर व्यवस्थाएं देखने वाले आमिर हुसैन ने बताया कि हर दिन तीन शिफ्ट में सफाई कर्मचारी ड्यूटी करते हैं. प्रतिदिन सुबह बसों को सैनिटाइज किया जाता है. बस स्टैंड पर लगी कुर्सियों को सैनिटाइज किया जाता है और बस स्टैंड के अंदर आधी क्षमता के साथ यात्रियों को बैठने की अनुमति दी जाती है. जो यात्री बस से उतरते हैं, उन्हें सीधे बाहर भेजा जाता है. अगर किसी को इमरजेंसी होती है तभी वह बस स्टैंड के अंदर हॉल में बैठ पाता है. जिसके लिए भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की व्यवस्था की गई है.
आईएसबीटी पर 6 राज्यों से आती है बसें
आईएसबीटी राजधानी भोपाल का एकमात्र अंतर राज्य बस टर्मिनल है. जहां रोजाना 600 बसें यात्रियों को लाने ले जाने का काम करती है. जिसमें हजारों यात्री सफर करते हैं. कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल पर 6 राज्यों की बसें चलती है. कोरोना को देखते हुए शुरुआती दौर में कुशाभाऊ ठाकरे बस टर्मिनल पर कोविड गाइडलाइन के पालन के लिए तमाम व्यवस्थाएं देखने को मिल रही थी. लेकिन अब बस स्टैंड पर ना तो यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है और ना ही सैनिटाइजेशन की कोई व्यवस्था है यात्री खुद की सुरक्षा खुद कर रहे हैं.