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को-विन एप में दिक्कत, अब ऑफलाइन होगा कोरोना वैक्सीनेशन का काम - एमपी में कोरोना वैक्सीनेशन

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए जारी किए गए को-विन एप/ पोर्टल में आ रही दिक्कतों के कारण अब टीकाकरण अभियान में ऑफलाइन काम किया जाएगा.

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कोरोना वैक्सीनेशन

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Published : Jan 31, 2021, 5:32 PM IST

भोपाल।कोरोना वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन सहित तमाम कामों को अब तक ऑनलाइन किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए को-विड पोर्टल बनाया है. मध्य प्रदेश में भय़ी वैक्सीनेशन के लिए हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन से लेकर सेशन जनरेट करने, टीकाकरण केंद्र पर आने वाले कर्मचारियों का सत्यापन और वैक्सीन लगने बाद की एंट्री पोर्टल के जरिए ही अब तक की जा रही है, लेकिन 16 जनवरी से पोर्टल ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है. जिस कारण पिछले कुछ दिनों में पोर्टल में काम करने पर काफी ज्यादा समस्या आ रही है. सर्वर स्लो होने और इंटरनेट की कमी के कारण टीकाकरण की रफ्तार भी धीमी पड़ी है, जिसे देखते हुए अब कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम ऑफलाइन भी संचालित किया जाएगा.

परिचय पत्र से मिलान कर होगा वैक्सीनेशन

कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम में अब मतदान की तरह काम किया जाएगा. यहां परिचय पत्र का टीकाकरण सूची से मिलान कर, स्वास्थ्य कर्मी को टीका लगाया जाएगा. फिर बाद में पूरे आंकड़ों की एंट्री पोर्टल में कर दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग से जारी जानकारी के मुताबिक को-विन पोर्टल पर आ रही सर्वर की गड़बड़ी के कारण टीकाकरण कार्यक्रम को नुकसान पहुंचा है और रफ्तार कम हुई है. लेकिन अगर ऑफलाइन काम किया जाएगा तो टीकाकरण की रफ्तार भी तेज होगी.

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प्रदेश में अब तक कितना हुआ वैक्सीनेशन

मध्य प्रदेश में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 2,66,570 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है. हालांकि, प्रदेश में पहले चरण में 4 लाख 16 हजार हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. पहले चरण के बाद दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स और तीसरे चरण में 50 साल से ज्यादा आयु वर्ग के व्यक्तियों और ऐसे व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा जिन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हो.

को-विन 20 ऐप क्या है?

  • को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो कोविड-19 टीकाकरण अभियान को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है.
  • यह मोबाइल ऐप वैक्सीन डेटा को रिकॉर्ड करता है. ये स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के डेटाबेस बनाने की प्रक्रिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक उन्नत चरण में है.
  • को-विन, नया ऐप, जो मुफ्त में डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा. ये इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) का उन्नत संस्करण है.
  • सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन वितरण के लिए गो-टू ऐप के रूप में कोविन-20 को जरिया बनाया है. भारत सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन की वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म, को-विन विकसित किया है.
  • टीकाकरण कार्यक्रम को सुचारू रूप से ट्रैक करने के लिए, कोविन-20 ऐप को कोविड-19 वैक्सीन के पंजीकरण के लिए पांच मॉड्यूल में विभाजित किया गया है.
  • प्रशासक मॉड्यूल.
  • पंजीकरण मॉड्यूल.
  • टीकाकरण मॉड्यूल.
  • लाभार्थी अभिज्ञान मॉड्यूल.
  • रिपोर्ट मॉड्यूल.

पढ़ें-MP में 2,548,86 कोरोना संक्रमित मरीज, 53 फीसदी हुआ वैक्सीनेशन

पंजीकरण मॉड्यूल
आम जनता के लिए कोविन-20 का पंजीकरण मॉड्यूल सर्वोपरि उपयोगिता का है (जो सीमावर्ती स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं हैं). वे पंजीकरण मॉड्यूल के माध्यम से कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोविन-20 ऐप पर पंजीकरण कर सकते हैं.

बेनेफिशियरी स्वीकृति मॉड्यूल
जब पंजीकरण किया जाता है, तो लाभार्थी पावती मॉड्यूल पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस भेजेगा और कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्थापित प्रशासनिक वितरण व वैक्सीन के टीकाकरण के लिए प्रोग्राम में आ जाएगा.

एक बार टीकाकरण हो जाने के बाद लाभार्थी पावती मॉड्यूल क्यूआर-आधारित प्रमाणपत्र भी जारी करेगा.

व्यवस्थापक मॉड्यूल
प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रशासक टीकाकरण सत्र आयोजित किये जायेंगे, जिसका रिकॉर्ड प्रशासनिक मॉड्यूल में रखा जाएगा.

स्थानीय प्राधिकारी स्तर के सर्वेक्षणकर्ता लाभार्थियों के स्वास्थ्य और सह-रुग्णता की स्थिति का सर्वेक्षण किया जायेगा. कोविन-20 ऐप पर डेटा अपलोड किया जाएगा, ताकि यह स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राथमिकता तय करने और फॉलोअप में नजर रखने में मदद करे.

रिपोर्ट मॉड्यूल
रिपोर्ट मॉड्यूल टीकाकरण सत्रों पर रिपोर्ट तैयार करेगा, ताकि किसी क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 टीकाकरण की सीमा तक के आंकड़े क्लीयर हो.

कोविन-20 की एक और विशेषता यह भी है कि यह कोविड-19 टीकों को संग्रहित करने वाले कोल्ड-स्टोरेज सुविधाओं से वास्तविक समय का डेटा भेजेगा.

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