मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ऐसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त एमपी! 500 रुपये की रिश्वत के लिए बिक रहे अफसर, कमीशनखोरों ने घूस का बना रखा मैन्यू कार्ड

मध्य प्रदेश में रिश्वत का बोलबाला है. कोई भी विभाग हो वहां बिना रिश्वत के सरकारी काम होता ही नहीं है. आलम यह है कि रिश्वत में पुलिस कर्मचारियों ने केले तक लिए हैं. रिश्वत लेने के अंदाज भी अलग-अलग है. खबर में कुछ लिंक साझा किए हैं. जिनमें मध्य प्रदेश पुलिस और अन्य विभाग के रिश्वत लेने के वीडियो हैं, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए हैं.

corruption in mp
एमपी में भ्रष्टाचार

By

Published : Sep 26, 2021, 12:17 PM IST

Updated : Sep 26, 2021, 12:26 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) भले ही जीरो करप्शन के दावे ठोक रहे हों, लेकिन भ्रष्टाचार अपने चरम पर ही है. आज ऐसा कोई भी विभाग ने जिसमें रिश्वत (Bribe in MP) के दम पर काम कराने का बोलबाला न हो. छोटे से लेकर हर बड़ा काम घूस लेकर ही होता है. मध्यप्रदेश में बीते 3 दिन में लाेकायुक्त पुलिस अलग-अलग शहराें में 10 से ज्यादा सरकारी अफसराें और कर्मचारियाें काे घूस लेते हुए पकड़ चुकी है. पिछले सात वर्षों में 1658 अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़े जा चुके हैं. वहीं आए दिन पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया पर रिश्वत लेते हुए वीडियो (Bribe Video Viral on social media) सामने आते रहते हैं. रिश्वत लेने के अंदाज भी अलग-अलग है. खबर में कुछ लिंक साझा किए हैं. जिनमें मध्य प्रदेश पुलिस और अन्य विभाग के रिश्वत लेने के वीडियो हैं, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए हैं.

एमपी में बढ़ रहा भ्रष्टाचार.

कमीशनखोरों ने रिश्वत का बना रखा है मैन्यू कार्ड
आलम यह है कि रिश्वतखोरों ने 50 रुपये के काम के लिए 500 रुपये की रिश्वत मांग ली. वहीं कुछ रिश्वतखोरों ने तो रिश्वत के लिए अपना कमीशन फिक्स कर रखा है. 10%, 15% और 20% के हिसाब से रिश्वत का क्राइटेरिया बना रखा है. हाल ही में 30 लाख रुपये के भुगतान के लिए एमपी में 10 फीसदी कमीशन के हिसाब से 3 लाख रुपये लिए गए. अगर कहें कि रिश्वतखोरों ने घूस का मैन्यू बना रखा है, तो यह कहना गलत नहीं होगा.

20 महीनों में 30 घूस लेने वाले पकड़े
बीते 20 महीनों में भोपाल में 30 रिश्वतखोर पकड़े जा चुके हैं. इनमें राजस्व विभाग से जुड़े छह, नगर निगम के पांच, पुलिस के दो, स्वास्थ्य के तीन, फाइनेंस, फाॅरेस्ट, शिक्षा, होमगार्ड, आरटीओ, एमपीईबी, श्रम विभाग, पीडब्ल्यूडी आदि के एक-एक अधिकारी एवं कर्मचारी सामने आए. इससे पता चलता है कि डिपार्टमेंट काेई भी हो, बिना रिश्वत पत्ता नहीं हिलता. आलम यह है कि रिश्वत के नाम पर पुलिस कांस्टेबल ने केले तक लिए हैं.

ये कुछ रिश्वतखोरों के Viral Video हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारी घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं, जरूर देखें

रिश्वतखोरों में ये विभाग शीर्ष पर
रिश्वरखोरों में पटवारी, क्लर्क, डॉक्टर, डीएसपी, डायरेक्टर, इंजीनियर, नायब तहसीलदार, रेंजर, सीईओ, एसडीओ, रेवेन्यू इंस्पेक्टर तक शामिल हैं. सबसे ज्यादा मामले राजस्व, पंचायत और पुलिस के रहे हैं. रिश्वत के बल पर काले कारनामे और अवैध धंधे भी जोरों पर रहते हैं. ऐसे में क्राइम फ्री एमपी होने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

भोपाल में 12 अफसरों के घर छापा
अगर देखा जाए तो रिश्वत लेने के मामले में सबसे ज्यादा बदनाम राजस्व विभाग (Revenue Department mp) है. यहां जमीन सीमांकन, नामांतरण, रजिस्ट्री हो या दूसरा कोई भी काम बिना रिश्वत के संभव ही नहीं है. पिछले पांच साल में भोपाल लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 180 लोगों को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर डेढ़ करोड़ रुपये जब्त किए हैं. इसी दौरान 12 अफसरों के घर छापे में 15 करोड़ से ज्यादा जब्त हुए हैं.

रिश्वतखोरी में सागर टॉप पर
पिछले 20 महीने में लोकायुक्त ने रिश्वत के 232 मामले पकड़े हैं. इन्होंने 232 कामों के लिए 38 लाख घूस ली है. सबसे ज्यादा 40 घूसखोर सागर में पकड़े गए. उज्जैन कलेक्टर कार्यालय में सेक्शन रायटर शशि त्यागी ने फरवरी 2021 में 500 रुपेय की घूस ली थी, जबकि इस काम की फीस सिर्फ 50 रुपये है. वहीं सबसे बड़ी रिश्वत 3 लाख रुपये की है. जिसे ग्रामीण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ऋषभ कुमार जैन ने 30 लाख रुपये के बिल के भुगतान के लिए मांगी थी.

कहां है शिव'राज' का गुड गवर्नेंस?, अधिकारी नहीं मानते सीएम की बात, दर-दर भटक रहे फरियादी, पढ़ें रिपोर्ट

सीएम शिवराज और वीडी शर्मा के बयान भी पढ़ें
बीते दिनों कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पीएम आवास योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आई तो अधिकारी की खैर नहीं. अब सीएम साहब इन मामलों पर आपके कलेक्टर क्या कर रहे हैं. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) अधिकारियों को फटकार लगाते दिख रहे थे. उन्होंने कहा कि जनता के आगे कोई समझौता नहीं. अधिकारी अच्छे से समझ लें कि जनता का काम करना होगा और समय पर आफिस आना होगा. ऐसे में आप चाहे एसडीएम हो या फिर डीएम. प्रदेश के शीर्ष नेताओं के इस रुख के बावजूद भी अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही.

Last Updated : Sep 26, 2021, 12:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details