भोपाल। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एमपी में सियासी दलों को ओबीसी वर्ग की चिंता सताने लगी है. अब एमपी विधानसभा में अलग से ओबीसी कमेटी बनाई जाएगी. अब से पहले एससी/एसटी कमेटी के साथ ओबीसी के सदस्यों को शामिल किया जाता था, लेकिन अब विधानसभा सचिवालय ने एससी/एसटी से हटकर अलग से ओबीसी कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया है. बताया जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र में ओबीसी कमेटी के गठन को मंजूरी दी जाएगी.
कमेटी राज्य सरकार को देगी सिफारिश
विधानसभा की ओबीसी कमेटी मोदी सरकार की मेडिकल सीटों पर 27 फीसदी आरक्षण देने के ऐलान के बाद प्रदेश में आरक्षण और ओबीसी वर्ग के लिए लागू सरकार की योजनाओं के अमल पर नजर रखेगी. साथ ही पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए भी कमेटी अपनी सिफारिश राज्य सरकार को देगी.
प्रदेश सरकार ने लगा दी थी रोक
बता दें कि इस समय एमपी में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरम है. इस कड़ी में 27 फीसदी आरक्षण के प्रदेश सरकार के ऐलान के बाद कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक लगा दी है, जबकि केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेज की सीटों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं.
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अब विधानसभा में पिछड़ा वर्ग कमेटी का गठन कर पिछड़ा वर्ग कल्याण को लेकर एक नई पहल शुरू करने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 51 फीसदी है. ऐसे में सियासी दलों को पिछड़ा वर्ग की चिंता ज्यादा है. यही कारण है कि अब विधानसभा में भी पिछड़ा वर्ग कमेटी का गठन कर ओबीसी के प्रति चिंता जताने की कोशिश की जा रही है.