भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले ओबीसी वर्ग को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जिसके बाद ओबीसी वर्ग कांग्रेस के खिलाफ मुखर होता नजर आ रहा हैं. वहीं ओबीसी, एससी-एसटी एकता मंच ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर इस मामले को जल्द सुलझाने की मांग की है.
OBC आरक्षण बढ़ाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर हुआ विरोध
कमलनाथ सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले ओबीसी वर्ग को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जिसके बाद ओबीसी वर्ग कांग्रेस के खिलाफ मुखर होता नजर आ रहा हैं.
संगठन का कहना है कि कमलनाथ सरकार के इस फैसले के चलते प्रदेश के 52 फीसदी पिछड़ा वर्ग की आबादी का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ा था. अगर इस व्यवस्था पर कोर्ट की रोक नहीं हटी तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष लोकेंद्र गुर्जर ने बताया कि उन्होंने इस मामले में राहुल गांधी को पत्र लिखा है.
जिसमें कहा कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 साल बाद 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है. इस फैसले के चलते ओबीसी वर्ग में कांग्रेस के प्रति अच्छी भावना बनी हुई है और वह कांग्रेस के साथ है. लेकिन जब यह मामला हाईकोर्ट में गया और वकील ने अच्छे से पैरवी नहीं की है, तो इसका उल्टा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जनता जागरूक है. अगर कोर्ट की रोक नहीं हटती है तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ सकता है.
वहीं इस मामले में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तय किया है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देंगे, तो हम पीछे नहीं हटेंगे. जहां तक कोर्ट का मामला है, तो हमारे पास 7 दिन का समय है. इस सात दिन के अंदर हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसके लिए हम उच्च न्यायालय में जा सकते हैं. वहां पर इसका जवाब देंगे. यह तय है कि जिस तरह से तमिलनाडु और उड़ीसा में ओबीसी को आरक्षण मिला है, उसी तरह से मध्यप्रदेश में भी ओबीसी को आरक्षण मिलेगा.