मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जूनियर डॉक्टर्स के बाद MP में नर्स एसोसिएशन की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मरीज परेशान - Nurses

प्रदेश की सभी नर्सेज एक बार फिर हड़ताल पर चली गई हैं. दरअसल, ये हड़ताल सरकार की वादाखिलाफी को लेकर है. सरकार ने नर्सों की मांगों को लेकर 30 तारीख तक का आश्वासन दिया था, लेकिन समय अवधि खत्म होने के बाद भी मांगे पूरी नहीं की गई हैं.

nurses association strike
नर्स एसोसिएशन की हड़ताल

By

Published : Jun 30, 2021, 10:14 AM IST

Updated : Jun 30, 2021, 12:09 PM IST

भोपाल। सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश की नर्सेज एक बार फिर हड़ताल पर चली गई हैं. बुधवार को सुबह से सभी नर्सों ने काम बंद कर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया. इनका कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को लेकर 30 तारीख तक का आश्वासन दिया था, लेकिन तय समय खत्म होने के बाद भी सरकार अभी तक मांगे पूरी नहीं कर पाई है. ऐसे में यह एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं.

एक बार फिर तेज हुआ आंदोलन
दरअसल, प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों के बाद नर्सेज भी हड़ताल पर चली गई थीं, और 10 जून को सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, लेकिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आंदोलन और हड़ताल वापस ले ली थी, लेकिन अब लगता है कि एक बार फिर ये आंदोलन तेज होने वाला है, क्योंकि नर्सों ने एक बार फिर हड़ताल का निर्णय लिया है.

सभी नर्सेज काम बंद कर हड़ताल पर
बुधवार से सभी नर्सेज वार्ड में काम बंद कर हड़ताल पर चली गई हैं, जिसके चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नर्सों का कहना है कि सरकार ने 30 जून तक मांगों के संबंध में आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक उन्हें कोई लिखित में आदेश नहीं मिला है. ऐसे में अब वह एक बार फिर से हड़ताल पर हैं. हड़ताल के चलते इन्होंने भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यहां हमीदिया के साथ ही सुल्तानिया की नर्सेज भी मौजूद रहीं.

इसलिए हड़ताल पर हैं नर्सेज
नर्सों का कहना है कि वह पिछले कई सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार लगातार इनकी मांगों को टालते आ रही है. बता दें कि कोरोना काल में नर्सेस लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई हैं. कई के परिवार में लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन सरकार बावजूद इसके इनके प्रति संवेदनशील नहीं है. इनका कहना है कि अन्य राज्यों में नर्सेज को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर माना जाता है और उन्हें ग्रेड-2 की सुविधा दी जाती है. वहीं मध्यप्रदेश में अभी भी स्टाफ नर्स का ही मानदेय दिया जाता है. वहीं रात में ड्यूटी करने के दौरान भी इनका अलाउंस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.

नर्सेज की हड़ताल से जुड़ा भ्रम
मध्य प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन इस पूरी हड़ताल में नर्सों के साथ है. प्रदेश में अभी भी 50,000 से अधिक नर्सेज हैं. इनमें से अधिकांश इस हड़ताल का समर्थन कर रही हैं, लेकिन नर्सेज से ही जुड़े एक अन्य संगठन ने देर रात हड़ताल पर नहीं जाने की बात कहते हुए सोशल मीडिया पर सभी को मैसेज किए थे, और हड़ताल पर नहीं जाने का समर्थन किया था. बता दें कि संगठन से जुड़े सुरेंद्र सिंह कौरव ने यह मैसेज किए थे.

नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष ने क्या कहा
इधर, नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मंजू मेश्राम का कहना है कि सभी नर्सेज इस हड़ताल में शामिल है. कुछ लोग विरोधाभास उत्पन्न कर रहे थे. लेकिन बुधवार यानी आज सभी नर्सेज इस हड़ताल में शामिल हैं.

जबलपुर में भी हड़ताल का असर
वहीं, जबलपुर का नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा इलाज का ठिकाना है, यहां मेडिकल कॉलेज में दूर दराज से आए मरीजों का ईलाज किया जाता है, मरीजों की देखभाल का जिम्मा ज्यादातर नर्सों का ही होता है पर बुधवार को मेडिकल कॉलेज में पदस्थ तमाम स्टाफ नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दी है. इस हड़ताल के बाद से न ही मरीजों की देखभाल हो पा रही है और ना ही उनका इलाज सही ढंग से हो रहा है. ऐसे में निश्चित रूप से नर्सों की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

नर्सों की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा सामाजिक संगठन, गैरकानूनी घोषित करने की मांग

  • इन मांगों को लेकर नर्सिंग स्टाफ कर रहा है आंदोलन
  1. पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए.
  2. कोरोना संक्रमण में जान गंवाने वाली नर्सिंग स्टाफ को 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवार्ड दिया जाए.
  3. नर्सों को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए, साथ ही अन्य स्टेट की तरह नर्सों के पदों का नाम परिवर्तित किया जाए.
  4. मेल नर्स की भर्ती की जाए.
  5. नर्सों को समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए.
Last Updated : Jun 30, 2021, 12:09 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details