भोपाल। प्रदेश में कोरोना की शुरुआत में राजधानी काफी सुरक्षित मानी जा रही थी और इंदौर शहर हॉटस्पॉट के रूप में दिखाई देने लगा था, लेकिन अब परिस्थितियां इसके उलट होती जा रही हैं. क्योंकि इंदौर में मरीजों की संख्या अब कम हो रही है, लेकिन भोपाल में स्थिति में सुधार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. अनलॉक 1.0 में एक जून से शुरू होने के बाद इंदौर में मरीजों की संख्या लगातार कम हुई है, लेकिन भोपाल में मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं. 11 जून से 19 जून के बीच मात्र 9 दिनों के भीतर प्रदेश में कोरोना के 1 हजार 569 मरीज मिले हैं. इसमें से 34 फीसदी भोपाल और 22 फीसदी मरीज इंदौर से मिले हैं, बाकी 44 फीसदी मरीज अन्य जिलों से मिले हैं.
भोपाल में अनलॉक 1.0 में बढ़े कोरोना के मरीज, 9 दिनों में 1 हजार 569 मरीज मिले
भोपाल में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. बताया जा रहा है प्रदेशभर में 9 दिनों के भीतर 1 हजार 569 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.
वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से इंदौर और भोपाल की तुलना की जाए तो इंदौर की अपेक्षा भोपाल में 54 फीसदी मरीज ज्यादा मिले हैं. प्रदेश के 5 जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या 0 है. इनके अलावा 27 जिले ऐसे हैं. जहां इलाज रख मरीजों की संख्या 10 से कम है. अनलॉक 1.0 में बाजार और दफ्तर खुले तो जगह-जगह लापरवाही देखने को मिल रही है. जिसका नतीजा है कि भोपाल में सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. चिंता की बात यह भी है कि भोपाल में मरीजों की संख्या ही नहीं संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ती जा रही है. 31 मई तक भोपाल की संक्रमण दर 2.6 थी जो 1 जून से 19 जून के बीच 4.6 पर पहुंच गई है.
प्रदेश में सबसे अधिक मरीज इंदौर में इलाज रत है. इंदौर में 927 मरीजों का इलाज वर्तमान में हो रहा है, तो वहीं भोपाल में 672 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उज्जैन में 95 मरीजों का इलाज तो देवास में 65 मरीज इस समय स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. ग्वालियर में 61 और जबलपुर में भी 58 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. हालांकि मंडला ,सीहोर ,उमरिया ,सीधी और अलीराजपुर में एक भी सक्रिय मरीज वर्तमान में नहीं है .