भोपाल। प्रदेश में खाद की किल्लत से निपटने और कालाबाजारी के खिलाफ सरकार बेहद सख्त हो गई है, अब खाद की कालाबाजारी करने वालों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसको लेकर निर्देश दिए हैं. उधर खाद की किल्लत पर कांग्रेस सरकार को घेर रही है, इस पर गृह मंत्री ने कहा कि कमलनाथ शायद भूल गए, जब उनके शासनकाल में उनके वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह खुद पर्ची काट रहे थे और उनके दूसरे विधायक खाद की किल्लत को लेकर धरना दे रहे थे. प्रदेश में खाद की रैक एक-दो दिन में आ जाएगी, प्रदेश में खाद को लेकर कोई किल्लत नहीं है.
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ट्वीट के लिए गड़बड़ी के इंतजार में रहते हैं कमलनाथ
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिर्फ इंतजार करते हैं कि कब कोई गड़बड़ी हो और वह ट्वीट कर सकें. वे कोयले की कमी को लेकर ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन वह तो केंद्र में मंत्री भी रहे हैं, उन्होंने आज तक कभी कोई समाधान नहीं बताया. यदि खाद-कोयले की कमी हो तो उससे कैसे निपटा जाये. उन्हें सिर्फ इंतजार रहता है कि कैसे वह ट्वीट कर सकें. कोयले की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से यही सुन रहे हैं कि देश में 4 दिन का कोयला बचा है, लेकिन इससे निपटने के लिए पूरी केंद्र सरकार मुस्तैद है. प्रदेश में कोई कमी नहीं है और यदि कमी आई भी तो प्रदेश सरकार इससे निपटने में सक्षम है. कुछ जीव होते हैं, जिन्हें सिर्फ अंधेरा ही पसंद होता है.
छत्तीसगढ़ के सीएम का बयान संघीय ढांचे पर प्रहार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह का उन्होंने बयान दिया है, वह संघीय ढांचे पर प्रहार है. अब जिस राज्य से पानी निकलता है, वह पानी देने से मना कर दे या जिस राज्य में बिजली पैदा होती है, वह बिजली देने से मना कर दे तो इस तरह देश का सिस्टम ही खराब हो जाएगा क्योंकि इस तरह देश नहीं चलता. आज कल पता नहीं छत्तीसगढ़ के सीएम को क्या हो गया है, वह इस तरह के अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. भूपेश बघेल ने कोयला संकट को लेकर बयान दिया था कि केंद्र सरकार कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर लगातार दबाव बना रही है, केंद्र सरकार झूठे दावे कर रही है, जबकि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है.