भोपाल। बारिश और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हर साल खराब होने वाली फसलों के सर्वे (Crop Survey) के लिए अब मध्य प्रदेश का कृषि विभाग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करेगा. खराब हुई फसलों के भौतिक सत्यापन (Physical Verification) में देरी से किसानों को आर्थिक सहायता मिलने में देरी होती थी. किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता के लिए अब कृषि विभाग प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान का सेटेलाइट से सर्वे (Satellite Survey) करवाएगा.
कृषि को आधुनिक बनाने की कोशिश
इसके लिए कृषि विभाग अब टेंडर निकाल रहा है. विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री (Agriculture Minister) कमल पटेल (Kamal Patel) ने बताया कि खेती को आधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में अब फसलों की बुवाई से लेकर फसलों के कटने तक भौतिक सर्वे (Physical Verification) के साथ ही सेटेलाइट सर्वे भी किया जाएगा. अभी तक राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से सर्वे का काम होता था. ये कर्मचारी बीज बोने से लेकर फसलों का सर्वे (Crop Survey), कितने हेक्टेयर में कौन सी फसल की बोवनी हुई है, कहां पर बारिश के बाद नुकसान देखने को मिला है, कितने क्षेत्र में फसल कट गई है और कितना उत्पादन हुआ है जैसे तमाम सर्वे करते थे.
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