मध्य प्रदेश

madhya pradesh

अब ई-फाइलिंग के आधार पर होगी सरकारी विभागों की सुनवाई, हाई कोर्ट का आदेश

By

Published : Aug 31, 2021, 9:33 PM IST

मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हाई कोर्ट ने ई-फाइलिंग सिस्टम लागू करने का आदेश दिया है. इसे लेकर न्यायालय ने मध्य प्रदेश के कई विभागों को आदेश भी दिए है कि इस प्रोसेस को अपनाया जाए.

legal services authority
विधिक सेवा प्राधिकरण

भोपाल।कोरोना के कारण पिछले साल न्यायालयों में ऑनलाइन सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई थी. अब तीसरी लहर की आशंका के चलते कोर्ट में सुनवाई के बाद ई-फाइलिंग (E-Filing) सिस्टम लागू किया जा रहा है. इस ई-फाइलिंग के आधार पर सरकारी विभागों की सुनवाई कोर्ट कर सकेगा. दरअसल कोरोना के कारण पेशी नहीं हुई जिसके कारण न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसको देखते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट न्यायालय में लगने वाले प्रकरणों में ई-फाइलिंग सिस्टम को बढ़ावा देने की ओर जोर दे रही है.

इसे लेकर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन विभागों को अधिक से अधिक केस को ई-फाइल करने के लिए आदेशित किया है, जहां से न्यायालय में अधिकतम केस आते हैं. हाई कोर्ट से जारी आदेश के बाद सरकार ने भी ऐसे सभी विभागों को ई-फाइलिंग के लिए पत्र जारी कर दिया है. ताकि इन विभागों से ई-फाइल की प्रोसेस को अपनाया जा सके.

विधि और विधायी विभाग ने जीएडी को लिखा पत्र

उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद विधि और विधायी विभाग ने इस कार्य के लिए जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि न्यायालय की ई-फाइलिंग 3.0 सॉफ्टवेयर सुविधा का उपयोग करने में तेजी लाए. जिससे अधिक से अधिक मामलों को ई-फाइल किया जा सके. जिन व्यक्तियों द्वारा अधिक संख्या में न्यायालय में केस दायर किए जाते हैं या फिर वह ज्यादा मामलों में फरियादी होते हैं. ऐसे में ई-फाइलिंग का उपयोग अधिक किया जाए.

भारत के लिए अच्छी खबर, अप्रैल-जून तिमाही में 20.1% रही आर्थिक वृद्धि दर

ई-फाइलिंग 3.0 सॉफ्टवेयर से जुड़े सभी विभाग

मध्य प्रदेश में विधि और विधायी कार्य विभाग को लिखे पत्र के बाद अब जीएडी ने लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन, नगरी विकास, वित्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित सभी प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, सचिव सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को ई-फाइलिंग के जरिए केस दायर करने और प्रतिवादी होने पर जवाब पेश करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है. बताया गया है कि ई-फाइलिंग 3.0 सॉफ्टवेयर में इसकी व्यवस्था की गई है. जिससे कि सभी विभागों को एक साथ इस सॉफ्टवेयर से जोड़ने की सुविधा प्रदान की गई है.

बहुचर्चित व्यापम घोटाला: आठ आरोपियों को 7 साल की सजा, CBI कोर्ट ने 10 हजार का जुर्माना भी लगाया

ये है ई-फाइलिंग व्यवस्था

कोरोना काल में कोर्ट बंद होने के कारण अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई. इस ऑनलाइन सुनवाई में फाइलों को कोर्ट तक पहुंचने की समस्या सामने आई थी. क्योंकि कोरोना गाइडलाइन के तहत सभी को दूरी बनाकर रखना अनिवार्य था. इस समस्या को देखते हुए ई-फाइलिंग की व्यवस्था शुरू की गई है. इसके तहत केस से जुड़ी फाइलें पहले से ही ई-फाइलिंग 3.0 सॉफ्टवेयर पर रहेंगी. जिसे जज और वकील भी देख सकेंगे. कोर्ट की कार्यवाही बाधित नहीं होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details