भोपाल। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने एके-47 असॉल्ट राइफलों की बरामदगी के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में खुलासा किया है कि स्टोर से रिजेक्टेड एके-47 राइफल चोरी करके असेम्बल किए गए थे. इन राइफलों को बिहार के मुंगेर में बेचा गया था. इसके अलावा राइफलों को झारखंड के नक्सलियों को बेचे जाने की बात का भी खुलासा किया गया है. एनआईए ने दो जून को पटना की एक विशेष अदालत में 22 एके-47 रायफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की है.
सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संलिप्तता
बता दें कि जांच में तस्करों को हथियारों की आपूर्ति में केंद्रीय आयुध डिपो (सीओडी) के कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संलिप्तता का खुलासा था. एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि बिहार में पटना की एक विशेष अदालत में गया जिले के तेतार गांव निवासी राजीव कुमार सिंह उर्फ ‘चुन्नू सिंह’ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया.
सितंबर, 2018 का है मामला
प्रवक्ता ने बताया कि मामला सितंबर, 2018 में बिहार के मुंगेर जिले में रिजवाना बेगम के परिसर से तीन एके-47 राइफल की बरामदगी से संबंधित है. यह जब्ती एक अन्य आरोपी शमशेर आलम के खुलासे के आधार पर की गई थी. शुरुआत में बिहार के मुफस्सिल थाने में सात सितंबर को 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. एनआईए ने बाद में पांच अक्टूबर, 2018 को इस मामले की जांच अपने हाथों में ले ली थी.
साजिश के तहत दिया था अंजाम
इससे पहले एनआईए ने मामले में 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. एनआईए ने कहा कि जांच में पता चला है कि मध्य प्रदेश में सीओडी जबलपुर के कुछ सेवारत और पूर्व कर्मचारियों ने हथियार तस्करों के एक समूह के साथ साजिश रची थी. साथ ही बड़ी संख्या में एके-47 राइफलें, उनके पुर्जे और सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) चोरी किए थे.
जारी है मामले की जांच
बता दें कि एनआईए ने कहा कि अब तक इस तरह की 22 एके-47 राइफल बरामद की जा चुकी है. फिलहालस, एनआईए ने दो साल की जांच के अब 2 जून, 2021 को चार्जशीट दाखिल की है. इस पूरे मामले में अभी एनआईए की विस्तृत जांच जारी है.