भोपाल। मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह के अंत तक मानसून अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहा. राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में बादल मंडराते रहेंगे. अब तक शहर में उमड़ते बादल और बूंदाबांदी का कारण माना जाने वाला क्यार चक्रवात ओमान नदी की ओर चला गया है, लेकिन हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बन गया है.
हिंद महासागर में बना नया सिस्टम, उमड़-घुमड़ अब भी डराएंगे बदरा
हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बनने से राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में बादलों का डेरा लगा रहेगा. इस नए सिस्टम से ये एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है. जिससे शहर में बादल छाए रह सकते हैं और बूंदाबांदी भी हो सकती है.
हिंद महासागर में बने सिस्टम के चलते राजधानी भोपाल में बादलों का डेरा अभी दिखाई देगा, वहीं कुछ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार हिंद महासागर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है.
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मेघालय के ऊपर और दूसरा चक्रवाती सिस्टम जम्मू कश्मीर के ऊपर हवाओं में बना हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार दिन के तापमान में सोमवार के मुकाबले 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया है. वातावरण में भी नमी की मात्रा 88 फीसदी रही.