भोपाल।मध्यप्रदेश में इनफ्लुएंजा वायरस का पहला मामला भोपाल के बैरागढ़ में सामने आया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है. इस वायरस के खतरे को देखते हुए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था जानने के लिए ईटीवी भारत ने अस्पतालों का रियलिटी चेक किया. राजधानी भोपाल के 2 सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया और जेपी में टीम पहुंची. यह जानने की कोशिश की गई कि, आखिर क्या-क्या व्यवस्थाएं इन अस्पतालों में मरीजों के लिए आरक्षित रखी गई है.
वार्ड में 12 बिस्तर:सबसे पहले जेपी अस्पताल पहुंचे. यहां पर वायरस के नए वेरिएंट से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है. यह वार्ड पहले कोविड के लिए आरक्षित था. लेकिन इसको अब H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस के लिए आरक्षित किया गया है. जबकि कोविड के दूसरे वार्ड आरक्षित हैं. इनफ्लुएंजा के मरीजों के लिए आरक्षित इस वार्ड में 12 बिस्तर हैं. इन पर वेंटीलेटर के साथ तमाम सुविधाएं मौजूद हैं.
वेंटिलेटर की सुविधा:जेपी अस्पताल के अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि, सरकार की ओर से H3N2 को लेकर नई गाइडलाइन उनके पास आ गई है. इस गाइडलाइन के हिसाब से अगर कोई मरीज सर्दी खांसी से परेशान आता है. गंभीर अवस्था में नजर आता है, तो उसे पहले टेमीफ्लू की टेबलेट दी जाएगी. इसकी संख्या अस्पताल में 2 हजार के करीब मौजूद है. अस्पताल में 400 ऑक्सीजन सिलेंडर अभी भी रखे हुए हैं. इसके अलावा 12 बिस्तर का वार्ड है. इसमें वेंटिलेटर की सुविधा है. राकेश श्रीवास्तव बताते हैं कि, पहले मरीजों की जांच कराई जाएगी. इसके बाद अगर मरीज संक्रमित पाया जाता है तो उसे यहां भर्ती किया जाएगा.